Chhattisgarh

जाकेश साहू का शिक्षक संघर्ष मोर्चा पर कड़ा और आक्रामक प्रहार…. कहा मोर्चा के शीर्ष चार नेताओ से प्रदेश के आम शिक्षको का मोह भंग…

जाकेश साहू का शिक्षक संघर्ष मोर्चा पर कड़ा और आक्रामक प्रहार….

कहा मोर्चा के शीर्ष चार नेताओ से प्रदेश के आम शिक्षको का मोह भंग…

इस्तीफा देकर घर बैठे ये लोग, संगठनों को भंग कर नए लोगो को सौपे राजपाठ….

सबसे बड़े संगठन का दावा… और भीड़ मात्र एक हजार भी नहीं…

रायपुर // – 

       प्रदेश के फायरब्रांड कर्मचारी एवं शिक्षक नेता जाकेश साहू ने शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आज के आंदोलन को पूरी तरह फ्लाप शो करार देते हुए इनके शीर्ष नेतृत्व पर कड़ा और आक्रामक प्रहार किया है। प्रदेश में सबसे बड़े संगठन का दावा करने वाले शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने पंडाल में आज एक हजार शिक्षको की भीड़ भी नहीं जुटा पाई और खुद हंसी के पात्र बन बैठे।

          जाकेश साहू ने कहा कि यदि इन चार नेताओ में जरा भी नैतिकता बची हुई है तो इन्हे अपने अपने संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर किसी योग्य और काबिल व्यक्ति को संगठन को नेतृत्व सौप देना चाहिए और नहीं तो अब इन लोगो को शिक्षक संगठनो की राजनीति से त्याग पत्र देकर घर बैठना चाहिए।

         शिक्षक नेता जाकेश साहू ने प्रदेश के 1,80,000 शिक्षक एलबी संवर्ग को उनकी जागरूकता और सतर्कता के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार जताया। आज प्रदेश का एक एक शिक्षक जागरूक और समझदार है। उन्हे अपने भविष्य का नफा नुकसान पता है। शिक्षक एलबी संवर्ग अब जान गए है कि उन्हें किस आंदोलन में जाना है और किसमे नहीं। आज मोर्चा का आंदोलन शिक्षक एलबी संवर्ग के भीड़ के लिए तरस गए। आज धरना स्थल तूता रायपुर में मात्र गिनती के लोग ही पहुंचे। प्रदेश के आम शिक्षको और एक लाख अस्सी अस्सी हजार शिक्षक एलबी संवर्ग ने आज शिक्षक मोर्चा के प्रदेश नेतृत्व को नकार दिया। लोग आंदोलन में आए ही नहीं।

       मोर्चा के ये चार तथाकथित नेता ही सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति के जनक है। 2018 में जब शिक्षको को विसंगति युक्त संविलीयन मिला तब इन नेताओ ने विसंगति युक्त संविलीयन का बहिष्कार और विरोध नहीं किया बल्कि तत्कालीन सरकार के स्वागत सत्कार और चापलूसी करने में लगे रहे। यदि उसी समय 2018 में ये लोग सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति का विरोध करते तो आज प्रदेश के हजारों-हजार सहायक शिक्षको को खून के आंसू नहीं रोना पड़ता। 2017 में इन्ही नेताओ के आह्वान पर प्रदेश के सभी शिक्षक एलबी संवर्ग आंदोलन में सम्मिलित रहे, सभी ने आंदोलन में बड चढ़ कर भाग लिया। 

           लेकिन जब आंदोलन और संघर्ष के फल खाने की बारी आई तब यही लोग वर्ग एक और वर्ग दो का तनख्वाह बड़वा लिए और वर्ग तीन के एक लाख सहायक शिक्षको को अपनी बदकिस्मती पर रोने और पछताने के लिए छोड़ दिया। ऐसे में जब जाकेश साहू ने प्रदेश के सहायक शिक्षको को एक मंच पर लाकर वेतन विसंगति दूर करने आंदोलन छेड़ा तब इन्ही लोगो ने सहायक शिक्षको का साथ न देकर उनका खिल्ली और मजाक उड़ाने लगे। यहां तक कि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक जिन्होंने अपना खून पसीना एक कर संगठन खड़ा किया उन्हे सड़यंत्र और साजिश करके संगठन भी छीन लिया। और ये मौका परस्त लोग आज आंदोलन का ढोंग कर रहे। लेकिन प्रदेश का एक एक शिक्षक अब सच्चाई जान चुके है।

         इन लोगो की गलत नीति और स्वार्थ लोलुपता के कारण ही 2013 में क्रमोन्नति वेतन बंद किया गया। जिनका उन्होंने कभी विरोध नहीं किया। विगत पांच सालो तक आंदोलन की हिम्मत नहीं जुटा पाने वाले लोग आज आंदोलन के नाम पर फिर एक बार शिक्षको से धोखाधड़ी करने का मौका तलाश रहे है।

         जाकेश साहू ने कहा कि जब तक प्रदेश के सभी शिक्षक एलबी संगठन एक मंच पर नहीं आएंगे तब तक कोई भी आंदोलन न तो सफल होगा और न ही कोई मांग पूरी होगी।

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