एसडीएम-कोटा नितिन तिवारी अनुविभाग के तेजतर्रार-बुलडोजर स्पेशलिस्ट नायब तहसीलदार राकेश सिंह ठाकुर की कार्यवाही।
तेंदुआ,कंचनपुर, घुमा, कुंवारीमुड़ा ग्राम की सैकड़ों एकड़ शासकीय-भूमि के रशुखदारो द्वारा बंदरबांट कब्जा चर्चा में है।

दिनांक:-10/09/2025**मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।**करगीरोड-कोटा:-जून 2025 के महीने में मनपहरी के 26-एकड़ शासकीय भूमि को भूमाफियों के कब्जे से मुक्त कराकर छत्तीसगढ शासन के नाम दर्ज कराने के बाद अब कोटा-अनुविभाग के ग्राम तेंदुआ की 45-एकड़ जमीन को भू- माफियायो के कब्जे से मुक्त कराकर छत्तीसगढ शासन के नाम दर्ज कराया गया इस पूरी कार्यवाही में एसडीएम कोटा नितिन तिवारी अनुविभाग के तेजतर्रार बुलडोजर स्पेशलिस्ट नायब तहसीलदार राकेश सिंह ठाकुर की कार्यवाही की मुख्य भूमिका रही।

*जिला-कलेक्टर डॉ. संजय अग्रवाल के आदेश के बाद अनुविभागीय-अधिकारी राजस्व कोटा नितिन तिवारी कोटा के नेतृत्व में कोटा-अनुविभाग के शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के नाम से जाने-जाने वाले तेजतर्रार बुलडोजर स्पेशलिस्ट नायब तहसीलदार कोटा राकेश सिंह ठाकुर द्वारा कोटा अनुविभाग के ग्राम पंचायत तेंदुआ स्थित भूमि खसरा नंबर 69/2, 69/3, 69/4, 69/5 70/3, 70/4, 70/5, 70/6 77/2, 77/3, 77/4 कुल रकबा 18.206 हेक्टेयर कुल 45-एकड़ भूमि को एक बार पुनः से छत्तीसगढ शासन के नाम दर्ज कराया गया..

इस पूरे मामले में भूमिस्वामी किसानों के अभिलेखों के सटीकता से जांच किए जाने बड़े झाड़ के जंगल के मध्य में दर्ज होना पाया गया।**नायब तहसीलदार राकेश सिंह ठाकुर ने कहा:—**इस पूरे मामले में नायब तहसीलदार राकेश सिंह ठाकुर ने हरित छत्तीसगढ को बताया कि भूमिस्वामी किसानों द्वारा किसी भी प्रकार का सुसंगत दस्तावेज पट्टा या भूमिस्वामी होने के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश प्रस्तुत नहीं किए जाने पर विधिवत सुनवाई कर उक्त भूमि को शासकीय मद बड़े झाड़ के जंगल मध्य में दर्ज करने की कार्यवाही की गई..तथा दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है..तथा आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।**हाल के दिनों में कोटा अनुविभाग के तेंदुआ, घुमा, कंचनपुर, कुंवारीमुड़ा ग्राम की सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि जो कि शासकीय अभिलेख में बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है, कोटा अनुविभाग के कुछ राजस्व-अधिकारी कर्मचारियों व भूमाफियों के गठजोड़ से शासकीय भूमि के बंदरबांट की चर्चा मीडिया की हेडलाइन बनी जिसमे तेंदुआ हल्के के पटवारी को निलंबित भी किया जा चुका है..बाकी की जांच कार्यवाही अभी लंबित है..आगे देखना कोट अनुविभाग के शासकीय भूमि पर भूमाफियों के कब्जे को शासन प्रशासन के मातहत अधिकारी इसी प्रकार की कार्यवाही से कब तक निपटाते है।
