Kota-Widhansabha:- लोकतंत्र का महापर्व सुबह से लेकर शाम-रात तक मतदान केंद्र-मतदाताओं से हाउसफुल।
ग्रामीण-इलाकों के मतदान-केंद्रों में किसानो-महिलाओं की लंबी-कतारें…भूपेश पर भरोसा कायम या मोदी की गारंटी।
शांतिप्रिय-इलाके में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान के लिए विपक्षी-पार्टी के उम्मीदवारों सहित जिला-प्रशासन का आभार:-अटल श्रीवास्तव।
भूपेश-बघेल की मूलभूत सुविधाओं फ्री-शिक्षा किसान न्याय योजना कर्जमाफी-गृहलक्ष्मी योजना पर वोटिंग हुई:–अभय-नारायण राय प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस पार्टी।
03-दिसंबर को होगी उम्मीदवार की किस्मत का फैसला..होटलों-पान ठेलों-सैलून में कयासों का एग्जिट-पोल होगा आज से शुरू।
दिनांक:-18/11/2023
मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।
करगीरोड-कोटा:-लोकतंत्र का आज सबसे बड़ा त्यौहार मनाया गया, शत-प्रतिशत मतदान के लिए स्वीप के तहत राज्य-के साथ जिला-निर्वाचन-अधिकारी-कर्मचारी भी शासकीय-कार्यक्रमों-स्लोगनों के तहत मतदाताओं को मतदान के लिए लगातार-प्रेरित करने का काम कर रही है..कोटा-विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों में कांग्रेस से अटल श्रीवास्तव बीजेपी से प्रबल प्रताप जूदेव जकाँछ से डॉ. रेणु जोगी के अलावा 12 अन्य प्रत्याशी मैदान में है..लगभग सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने नेताओ-कार्यकर्ताओं के सघन प्रचार-प्रसार-जनसंपर्क किया..17-नवंबर शुक्रवार की सुबह 08-बजे से मतदान को लेकर मतदाताओं में अच्छा खासा उत्साह दिखाई दिया मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण शहरी तथा ग्रामीण इलाकों के मतदान केंद्रों में पुरुष-मतदाता की अपेक्षा महिला मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइने मतदान केंद्रों में दिखाई दी कोटा-नगर सहित कोटा से लगे ग्रामीण-इलाकों में शाम 05-बजे के बाद मतदान केंद्रों में अभी भी महिलाओं की लंबी लाइने लगी हुई है..कोटा नगर के आत्मानंद स्कूल के 02-बूथों सहित गोबरीपाठ के एक बूथ में धीमी मतदान को लेकर महिला मतदाताओं में काफी नाराजगी देखने को मिली।
मतदान-केंद्रों में किसानों की-महिलाओं-मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें क्या संकेत दे रही है:—-
“हरितछत्तीसगढ़..आज मतदान की शुरुआत के कुछ देर बाद ही कोटा-नगर सहित कोटा-नगर से जुड़े मतदान-केंद्रों पर मतदाताओं के मन की बात जानने चुनावी-माहौल की टोह लेने निकल पड़ा था..कोटा-नगर के मतदान केंद्रों में सुबह की धीमी-शुरुवात के बाद दोपहर होते-होते मतदान की रफ्तार बढ़ने लगी..पुरूष-मतदाताओं के साथ-साथ महिला-मतदाताओं की तादात मतदान-केंद्रों में बढ़ने लगी पहली बार वोट करने वाले युवा-वर्ग जिसमे की युवतियां भी शामिल थी..शहरी-इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों के किसान-वर्ग के मतदाताओं में वोटिंग को लेकर काफी-उत्साहित दिखे जबकि शहरी-क्षेत्रों सहित ग्रामीण-क्षेत्रों की महिला-मतदाताओ की भारी संख्या में मतदान करने मतदान केन्द्र में पंहुचकर लंबी-लंबी लाइन के बावजूद अपनी बारी का इंतज़ार करती रही शाम 05-बजे के बाद रात होने तक मतदान करके ही अपने-घर वापस गई, इस बार मतदान को लेकर ये उत्साह ये जुनून किसी इससे पूर्व के विधानसभा चुनाव में नही देखा गया, महिला वोटर व किसान वोटरों के साथ युवा-वोट का भारी संख्या में मतदान करना ये किसके तरफ इशारा कर रहा है-? कांग्रेस की तरफ या बीजेपी के तरफ-? जहा एक ओर कांग्रेस का किसानों का समर्थन मूल्य बढाना, बोनस देना किसानों का करोड़ो का कर्ज माफी , महिला स्व-सहायता का कर्ज माफी, या फिर गृहलक्ष्मी योजना के तहत हर विवाहित-महिलाओं के खाते में 15000 सालाना देना, घोषणा तो बीजेपी ने भी किया है, पर किसानों व महिला-मतदाताओं के मन की बात को माने तो बीजेपी की अपेक्षा इन दोनों वर्गों ने कांग्रेस की घोषणाओं पर ज्यादा भरोसा किया है..2018 के विधानसभा-चुनाव के दौरान धान का समर्थन मूल्य 2800 करने व किसानों के कर्ज माफी की घोषणा के बाद जब कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनी उसके बाद ही मंडियों में धान पहुचने का सिलसिला शुरू हुआ था..क्या इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है, बीजेपी की घोषणा पत्र की अपेक्षा कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर मतदाताओं ने ज्यादा भरोसा किया गया है, ऐसे बहुत से सवाल भी है, और संकेत भी है, भरोसा भूपेश पर कायम रहेगा या फिर मोदी की गारंटी पर का असर दिखेगा।