सर्पदंश जागरूकता अभियान : “नागलोक” जशपुर के ग्रामीण हो रहे जागरूक 🐍


पत्थलगांव, जशपुर।छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला विशेषकर पत्थलगांव क्षेत्र, जिसे “नागलोक” के नाम से जाना जाता है, अब सर्पदंश से बचाव के लिए जागरूकता की ओर कदम बढ़ा रहा है।

ग्रामीणों में प्रचलित अंधविश्वास और अशिक्षा के चलते सर्पदंश से कई मौतें होती रही हैं। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन, जिला-जशपुर द्वारा सर्पदंश जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई।

इस अभियान का शुभारंभ ग्राम झक्कड़पुर से किया गया, जहां मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अमूल सिंह, डॉ. आशीष भगत, डॉ. भागेवेंद्र सिंह, समाजसेवी बबलू तिवारी (सर्पमित्र), बंटी सिंह, रामकिशन यादव, सब इंस्पेक्टर अर्जुन यादव, जिलाध्यक्ष अजय राजपूत, जिला सचिव अनुक सिदार, सरपंच लोहार साय नाग, एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।कार्यक्रम में डॉ. आशीष भगत और डॉ. अमूल सिंह ने सर्पदंश की पहचान, प्राथमिक उपचार तथा तुरंत चिकित्सा सहायता लेने के महत्व को समझाया।

उन्होंने बताया कि सर्पदंश होने पर घबराने की बजाय शांत रहकर नजदीकी अस्पताल पहुंचना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।सर्पमित्र बबलू तिवारी ने नाग, करैत, अहिराज जैसे प्रमुख जहरीले सर्पों की पहचान, उनकी आदतों और उनसे बचाव के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोग जमीन पर सोने से बचें, मच्छरदानी का प्रयोग करें और यदि कहीं साँप दिखे तो तुरंत सर्पमित्र या वन विभाग को सूचित करें।अजय राजपूत ने सुझाव दिया कि जशपुर जिले में जल्द ही स्नैक पार्क की स्थापना की जाए, ताकि पकड़े गए सर्पों को सुरक्षित स्थान मिल सके और रेस्क्यू कार्य भी संगठित हो सके।
