Kota-Updete:-आदिवासी-मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी-जमीनों की रजिस्ट्री-सामान्य के नाम पेशा एक्ट-कानून की उड़ रही धज्जियां..महावीर कोलवाशरी-प्रबंधन को लेकर ग्रामीण कलेक्टर की “शरण” में।-
Kota-Updete:-आदिवासी-मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी-जमीनों की रजिस्ट्री-सामान्य के नाम पेशा एक्ट-कानून की उड़ रही धज्जियां..महावीर कोलवाशरी-प्रबंधन को लेकर ग्रामीण कलेक्टर की “शरण” में।-
*महावीर-कोलवाशरी खुलने से रतनपुर नगर पालिका कोटा नगर पंचायत सहित 01-दर्जन से ऊपर ग्राम पंचायत होंगे प्रभावित:–दिलीप अग्रवाल समाजिक कार्यकर्ता।*
*दिनांक:-20/11/2024
*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।
*करगीरोड-कोटा:-कोटा विकासखंड से लगे ग्राम पंचायत खुरदुर खरगहनी पथर्रा-ग्राम पंचायत की सीमाओं के अंतर्गत महावीर कोलवॉशरी प्रबंधन पर पंचायत के ग्रामीणों किसानो महिलाओं ने काफी गंभीर आरोप लगाते हुए जिला-कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की थी कि महावीर कोलवाशरी के द्वारा फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश करते हुए शासकीय विभागों से क्लियरेंस लिया गया है जो कि पूरी तरह से अवैधानिक है।*
*पेशा-एक्ट-केवल कागजों में लागू जमीन पर नहीं :–
*महावीर-कोलवाशरी द्वारा पंचायतों के शासकीय-भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है..जबकि मौजूदा समय में ग्राम पंचायत में पेशा एक्ट लागू है..? बावजूद आदिवासीयों किसान की जमीन सामान्य वर्ग के नाम पर रजिस्ट्री हो गई है.? राजेन्द्र सिंह नामक व्यक्ति द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 52- एकड़ जमीन खरीदी और उसमें से 47- एकड़ भूमि एकमुश्त महावीर-कोलवाशरी के अरूण जैन के नाम पर रजिस्ट्री कर दी महावीर कोलवाशरी ने ग्राम-पंचायत के झुुठे अनापत्ति प्रमाण पत्र को विभिन्न-विभागों में प्रस्तुत किया जो कि अपराध की श्रेणी में आता है..जबकि ग्राम पंचायत ने अपने विशेष ग्राम-सभा की बैठक में महावीर कोल वाशरी को जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था।
*खरगहनी पंचायत भवन पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी:–
*ग्रामीणों द्वारा बीते सोमवार को जिला कलेक्टर को जनदर्शन में आवेदन के माध्यम से सूचनार्थ के बाद शाम 04- बजे के बाद एसडीएम कोटा युगल किशोर उर्वसा एसडीओपी श्रीमती नूपुर उपाध्याय थाना प्रभारी कोटा डीएसपी रौशन आहूजा सहित तहसीलदार पटवारी ग्राम पंचायत भवन खरगहनी पहुंचे..जहां उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से बंद कमरे में बाते की और पूरे मामले के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ली गई..पंचायत भवन में बैठक के दौरान राजस्व व पुलिस के अधिकारियों ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल को बैठक से बाहर जाने को कहा इस दौरान ग्रामीण भी शांत रहे कोई विरोध नहीं किया, बैठक से मीडिया को भी दूर रखा गया..बैठक के खत्म होने के बाद मौजूद अधिकारियों ने मीडिया से बात कर बैठक की जानकारी दी गई।
*एसडीएम-कोटा ने क्या कहा:–
*बैठक के बाद कोटा एसडीएम यू.के.उर्वशा ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया की ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला स्तर पर इस संबंध में जांच टीम बनाई गई है..बारिश के कारण सीमांकन का काम नहीं हो पाया था लेकिन अब एक हफ्ते में सीमांकन करवा लिया जाएगा जमीनें किस मद की है..अवैध खनन कर अवैध रूप से शासकीय-जमीनों पर मुरूम डम्प करने के व निर्माण कार्य करने के सवाल पर एसडीएम कोटा ने कहा कि जांच के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया जाएगा।
*ग्रामीणों ने क्या कहा:–
*बैठक के बाद ग्रामीणों ने बताया कि बैठक में महावीर-कोलवाशरी से संबन्धित कोई ठोस बात नहीं हुई उल्टा उपस्थित ग्रामीणों व उपसरपंच को बोला गया..कि महावीर कोलवाशरी तरफ अगर जाओगे तो अन्दर करवा दिया जाएगा..दो महीने बाद पंचायत चुनाव है.. चुनाव नहीं लड़ नहीं पाओगे महावीर प्रबंधन द्वारा किए गए अवैध कब्जा निर्माण के विषय छोड़ ग्राम पंचायत के बेजा कब्जे पर बात होने लगी बैठक में पहुंचे जिला व पुलिस के अधिकारियों की बातों से ऐसा लगा कि वो महावीर-प्रबंधन की तरफ से बाते कर रहे थे।
*सामाजिक-कार्यकर्ता दिलीप-अग्रवाल ने क्या कहा:–
*महावीर कोलवाशरी प्रबंधन के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप-अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि आज की होने वाली बैठक में गांव वालों ने मुझे बुलाया था मगर बैठक से पहले ही मुझे प्रशासनिक-अधिकारियों द्वारा बाहरी घोषित करते हुए मेरे भारत के नागरिक होने पर सवाल उठा दिया गया क्या मैं इस प्रदेश का इस जिले का नागरिक नहीं हु..कोलवाशरी प्रबंधन के खिलाफ उठने वाली आवाज को जिला प्रशासन बंद करवाना चाहता है, जिला-प्रशासन के अधिकारी महावीर प्रबंधन के पीआरओ की भूमिका निभा रहे है..बावजूद हमें भारत के संविधान पर पूरा भरोसा है..कुछ वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सहित हाईकोर्ट-अधिवक्ताओं से चर्चा के बाद बिलासपुर हाईकोर्ट सहित एनजीटी में पीआईएल की तैयारी की जाएगी।