तीसरी की परीक्षा में चौथी के सवाल! छात्रों के सिर पर ‘भारी हिंदी’ का बोझ, प्रशासन ने कहा- गलती बस कागज पर हुई है

जशपुर: तीसरी की परीक्षा में चौथी के सवाल! छात्रों के सिर पर ‘भारी हिंदी’ का बोझ, प्रशासन ने कहा- गलती बस कागज पर हुई है

नीरज गुप्ता संपादक

जशपुर के सरकारी स्कूलों में आज से शुरू हुई वार्षिक परीक्षा में गजब का वाकया देखने को मिला। तीसरी कक्षा के मासूम बच्चे जब अपनी हिंदी परीक्षा देने बैठे, तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे वे अचानक “अपग्रेड” होकर चौथी क्लास में पहुंच गए हों! वजह थी उनके हाथ में आए प्रश्न पत्र, जिन पर चौथी कक्षा के सवाल छपे हुए थे।

नीरज गुप्ता संपादक

छात्रों का माथा ठनका, गुरुजी भी हुए हैरान

छोटे-छोटे तीसरी कक्षा के बच्चों ने जैसे ही पेपर देखा, उनके चेहरे पर पहले हड़बड़ाहट, फिर गहरी सोच वाली मुद्रा दिखने लगी। कुछ ने इधर-उधर झांककर गुरुजी की तरफ देखा, मानो कहना चाह रहे हों, “गुरुजी, हमसे गलती से चौथी क्लास में तो नहीं बिठा दिया?” इधर गुरुजी भी पेपर देखकर भौचक्के रह गए और तुरंत मामला उच्च अधिकारियों को बताया।

नीरज गुप्ता संपादक

प्रिंटिंग की गलती, परीक्षा रद्द!

इस ‘सवालिया गड़बड़झाले’ पर अधिकारियों ने कहा कि यह चूक प्रिंटिंग प्रेस से हुई है। प्रश्न सही थे, लेकिन प्रश्न पत्र पर कक्षा का नंबर गलत छप गया। प्रशासन ने फौरन स्थिति संभालते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया और आश्वासन दिया कि तीसरी कक्षा की हिंदी परीक्षा अब किसी और दिन आयोजित की जाएगी।

नीरज गुप्ता संपादक

मेम्स वाली फीलिंग!

इस पूरे घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी। किसी ने इसे “तीसरी से चौथी क्लास का फास्ट ट्रैक प्रमोशन” कहा, तो किसी ने मजाक में पूछा, “क्या अब चौथी के बच्चों को पांचवीं के पेपर मिलेंगे?”छात्र तो खैर राहत की सांस ले रहे हैं कि अब उन्हें सही क्लास का पेपर मिलेगा, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्था पर जरूर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना है कि अगली परीक्षा में सब कुछ सही चलता है या कोई नई ‘प्रिंटिंग गड़बड़ी’ फिर से सुर्खियां बटोरेगी!

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