विद्यालय उन्नयन में प्रबंधकारिणी और प्रधानाचार्यों की अहम भूमिका

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Haritchhattisgarh
पत्थलगांव: सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पत्थलगांव में सरस्वती शिक्षा संस्थान, छत्तीसगढ़ प्रांत के योजनानुसार रायगढ़ विभाग के प्रबंधकारिणी अध्यक्ष, व्यवस्थापक, कोषाध्यक्ष, प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। मंचासीन अतिथियों ने विद्या की देवी मां सरस्वती और मां भारती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रादेशिक सचिव श्री विवेक सक्सेना, संगठन मंत्री डॉ. देवनारायण साहू, प्रांतीय कोषाध्यक्ष एवं रायगढ़ विभाग प्रभारी श्री कमल अग्रवाल, विभाग प्रमुख श्री एल. पी. कटकवार, विभाग समन्वयक श्री वीरेंद्र विश्वकर्मा तथा विद्यालय संरक्षक श्री राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल उपस्थित रहे।
रायगढ़ विभाग के 19 विद्यालयों से प्रबंधकारिणी, प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य इस सम्मेलन में शामिल हुए। प्रादेशिक सचिव श्री विवेक सक्सेना ने विद्यालयों की गुणवत्ता विकास में समिति की भूमिका एवं शैक्षिक गुणवत्ता में प्राचार्यों व प्रधानाचार्यों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यालय समितियों के सदस्यों को आधुनिक तकनीक, कंप्यूटर, स्मार्ट प्रोजेक्टर आदि की जानकारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री एल. पी. कटकवार ने पिछले 5 सत्रों के दशम एवं द्वादश कक्षा के परीक्षा परिणाम का तुलनात्मक अध्ययन प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया। वहीं, श्री कमल अग्रवाल ने विगत 10 वर्षों के छात्र संख्या के आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा कर मार्गदर्शन दिया।
समापन सत्र में संगठन मंत्री डॉ. देवनारायण साहू ने सामाजिक समरसता, स्वदेशी भावना, कुटुंब प्रबोधन, राष्ट्रीय चरित्र, तथा आत्मबोध जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों के कौशल विकास, परीक्षा परिणाम में सुधार तथा हिंदी, गणित और अंग्रेजी शिक्षण उन्नयन में प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों की भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के अंत में श्री एल. पी. कटकवार ने समिति, अतिथियों, प्राचार्यों एवं प्रधानाचार्यों का आभार व्यक्त किया। आयोजक विद्यालय की समिति द्वारा प्रांतीय अधिकारियों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया, जबकि संस्था प्रमुख श्री संतोष कुमार पाढ़ी ने प्रबंधकारिणी एवं शिक्षकों को वस्त्र भेंटकर धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ।