ईसाई आदिवासी महासभा द्वारा युवा संगोष्ठी का आयोजन

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Haritchhattisgarh
पत्थलगांव: आज दिनांक 11 मई को आशादीप में कैरियर गाइडेंस पर एक दिवसीय युवा संगोष्ठी आयोजन का आयोजन ईसाई आदिवासी महासभा द्वारा किया गया। सौ से अधिक युवक युवतियों ने संगोष्ठी में बढ़चढ़ का भाग लिया। कार्यक्रम के आरंभ में श्री फिरन कुजूर ने भगवान से दुआ में अगुवाई की। संविधान की उद्देशिका का वाचन श्री विकास एक्का ने कराया। श्री सुरेंद्र तिर्की, अध्यक्ष- ईसाई आदिवासी महासभा ने अतिथियों का स्वागत किया पुष्प गुच्छ से। फादर याकूब कुजूर ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए नव निर्वाचित युवा पार्षद श्री समीर कुजूर का विशेष सम्मान किया और उसे संसद तक पहुंचाने के लिए युवाओं को वचन दिलाया। उन्होंने कहा समाज की समस्याओं का समाधान सिर्फ संसद में होगा इसलिए अपने सांसदों को दिल्ली भेजना जरूरी है। वक्ताओं को ध्यान से सुनकर लक्ष्य निर्धारण करने का आग्रह उन्होंने युवाओं से किया।
प्रोफेसर नीलम केरकेट्टा ने युवाओं को शिक्षित होने के लिए जोर दिया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण युवाओं को ज्ञानार्जन का अवसर प्रदान करने के लिए हाई टेक युवा लाइब्रेरी की स्थापना दुलदुला और कांसाबेल में किया जा रहा है। जहां युवाओं को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही स्वरोजगार के टिप्स भी दिए जायेगे।
श्री जयराम चोरमको, डी एस पी, ने युवाओं को साइबर क्राइम के प्रति सचेत किया। साथ ही स्वरोजगार अपनाने पर बल दिया। जज पुनीत समीक्षा खलखो ने युवा को कैरियर बनाने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा कर निरंतर प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने युवाओं को कुछ प्रमुख कानूनी जानकारी प्रदान किया। श्री अमित एक्का ने स्वरोजगार के व्यवहारिक बातों की जानकारी एवं टिप्स दिया और शासकीय योजनाओं को लाभ लेने के लिए अभिप्रेरित किया। फादर मिलन एक्का, डीन ने युवाओं को ईश्वर में अपना विश्वास दृढ़ रखने की बात बताई। भक्ति से क्रांति आनी चाहिए। क्रांति व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में परिलक्षित होना चाहिए। फादर याकूब ने वर्तमान समस्याओं पर युवाओं का ध्यान आकर्षित करते हुए, समाधान के लिए सामने आने का आह्वान किया। फादर रॉबर्ट तिग्गा ने संगोष्ठी का सार दिया और समापन की घोषणा की। मंच संचालन श्री सुरेंद्र के द्वारा किया गया।
उन्होंने युवाओं के सफल जीवन के कई टिप्स दिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री देवनिश मिंज, श्री संजीव टोप्पो, श्री शीलसाय, श्री राकेश, श्रीमती क्रेसेंसिया बेक, श्रीमती मेरी तिर्की, श्रीमती अपोलिना केरकेट्टा, श्रीमती रजनी टोप्पो, श्रीमती स्मृति एक्का, श्रीमती ग्लोरिया बड़ा, आदि समाज के अगुवाओं की अहम भूमिका रही।
(फादर याकूब कुजूर)