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आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार एवं कुपोषण से मुक्ति को लेकर सदन मे विधायक गोमती साय ने उठाए सवाल 

आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार एवं कुपोषण से मुक्ति को लेकर सदन मे विधायक गोमती साय ने उठाए सवाल 

 

प्रदेश में लगातार हो रहे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से नवजात शिशुओं की मृत्यु और माताओं को मिलने वाली सुविधाओं में लापरवाही को देखते हुए और आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार एवं कुपोषण से मुक्ति हेतु शासन के प्रयास और योजनाओं को लेकर सदन मे विधायक गोमती साय ने उठाए सवाल

[महिला एवं बाल विकास]

 

1. ( *क्र. 407 ) श्रीमती गोमती साय: क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे

 

कि :- (क) छत्तीसगढ़ प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति में सुधार के लिए शासन की क्या योजनायें हैं एवं क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) प्रदेश को कुपोषण से पूर्णतः मुक्त किये जाने हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ग) आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालक-बालिका, गर्भवती-शिशुवती माताओं की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दें?

 

महिला एवं बाल विकास मंत्री (श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े) (क) प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों की भौतिक

 

संरचना में सुधार के लिए विभागीय बजट में उपलब्ध मरम्मत मद से, सक्षम आंगनबाड़ी के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों का चरणबद्ध उन्नयन तथा स्थानीय स्तर पर डी.एम.एफ. सी. एस. आर. जीति आयोग की निधि से आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति में सुधार की कार्यवाही की जा रही है। हितग्राहियों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्थिति में सुधार के लिए संचालित योजनायें व किये जान रहे प्रयासों की जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं तथा संबंधित विभागीय योजनाओं के माध्यम से विविध प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें पूरक पोषण आहार का प्रदाय, टीकाकरण, संदर्भ सेवा, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा का लाभ प्रदान किया जाना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, समुदाय आधारित कुपोषित बच्चों का प्रबंधन, पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित करना, सामुदायिक जनजागरण/समुदाय आधारित गतिविधियां, सुपोषण चौपाल एवं जिला स्तर पर

 

स्थानीय प्रयास प्रमुख है। (ग) अगिनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दर्ज बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्थिति में सुधार हेतु किये जा रहे प्रयास का विवरण संलग्न प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है।

 

विधायक महोदया ने १२/८२०२३ जशपुर जिला मे घटित घटना का वर्णन करते हुए कहा कि मैं एक मां के दर्द को महसूस कर सकती हूं और जानना चाहती हूं जब कोई गर्भवती महिला डिलेवरी के लिए अस्पताल जाती है और गर्भवती महिला वहा शौचालय जाती और वही कबोड़ मे शिशु को जन्म देती है और उसी कबोड़ में शिशु अंतिम सांस लेता है मां वही शौचालय में दो घंटे तक बेहोश रहती हैं जिसकी सुध कोई नही लेता है इसे लापरवहारी बरतने वाले प्रकरण में दोषी पाए जाने वाले के लिए महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कानून बनाया गया है या नहीं क्योंकि ऐसी घटनाएं बहुत ही निंदनीय है ।

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