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Kota-Updete:-बेजाकब्जा धारियों से पूरी तरह से बदहाल पहाड़ी-ग्राउंड…भविष्य में खेलकूद का मैदान गूगल पर भी नही दिखाई नही देगा।-

*Kota-Updete:-बेजाकब्जा धारियों से पूरी तरह से बदहाल पहाड़ी-ग्राउंड…भविष्य में खेलकूद का मैदान गूगल पर भी नही दिखाई नही देगा।-*

 

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*विभागीय-मातहतों नगर के जनप्रतिनिधियों सहित खेलप्रेमीयो ने भी पहाड़ी ग्राउंड की बदहाली पर आंख मूंद ली।*

 

 

*दिनांक:-26/02/2024*

 

*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।।*

 

 

*करगीरोड-कोटा:-सत्ता के बदलते ही कोटा-नगर के शुरुवाती-दिनों में प्रशासन के मातहतों द्वारा बेजाकब्जा-धारियों पर बुलडोजर चलाया गया..कमजोर तबकों के लोगो पर बुलडोजर चलाया गया रसूखदार-सफेदपोश लोगो पर कार्यवाही रोक दी गई..एक प्रकार से विभाग व विभागीय -अधिकारियों द्वारा औपचारिकता ही निभाई गई..अब तो पहाड़ो पर भी बेजाकब्जा-धारीयो का बोलबाला-जारी है, पुराने आरक्षी केंद्र कोटा से सिद्धबाबा-मंदिर जाने वाला पूरा रास्ता बेजाकब्जा धारियों की गिरफ्त में पूरी तरह से जा चुका, एक ओर जहा पर फॉरेस्ट विभाग द्वारा पहाड़ो पर सागौन-प्लांटेन्स किया गया है..वो भी बेजाकब्जा- धारियों के हत्थे चढ़कर बलि का बकरा हो चुका है..आश्चर्य वाली बात है..की विभाग व विभागीय-अधिकारियों को इस बात की जानकारी होने के बावजूद आंखे बंद किए हुए हैं..खेल प्रेमियों व खेलकूद के लिए कोटा नगर में बहुत कम ही मैदान बचे है..डीकेपी-खेल ग्राउंड में तत्कालीन सरकार के समय सीमेंटीकरण वाला परमानेंट हेलीपेड बना दिया गया है, जो कि सत्ता बदलने के बाद अभी भी यथावत है..हटाया नही गया है।

 

बेजाकब्जा-धारियों की गिरफ्त में नगर का पुराना खेल मैदान पहाड़ी ग्राउंड पूरी तरह से बदहाल:–-*

 

 

*उसी प्रकार से सिद्धबाबा मंदिर के पीछे खेलकूद के लिए बना हुआ पहाड़ी ग्राउंड पूरी तरह से बदहाल हो चुका है..धीरे-धीरे पहाड़ी ग्राउंड भी बेजा-कब्जाधारियों के गिरफ्त में जा चुका है..जरुरतमंद-बेघर भूमिहीन गरीब कमजोर तबके के लोगो का बेजा-कब्जा करना समझ मे आता है..रशुखदार लोग जिनका की पहले से घर द्वार मौजूद है, उनके द्वारा बेजाकब्जा करके बकायदा शासकीय जमीनों की खरीद फरोख्त किया जा रहा है, इन कब्जाधारियों को शासन-प्रशासन के नियम-कायदों की परवाह भी नही है..इन पूरे मामलों में नगर के कुछ सफेदपोश लोगो की संलिप्तता की बात भी सामने आई है, कोटा नगर के अधिकांश युवा वर्ग जिनका बचपन पहाड़ी ग्राउंड में फुटबॉल-क्रिकेट खेलकर गुजरा है..26-जनवरी 15-अगस्त को बकायदा इस ग्राउंड ओर फुटबॉल का मैच होता था..जिसमे की कोटा नगर के युवा खिलाड़ियों का दबदबा रहता था..आज वही पहाड़ी-ग्राउंड जिसको की लोकँटी भी कहा जाता है,बदहाल हो चुका है, इस बदहाल ग्राउंड को भूमाफियाओ की नजर लग चुकी है..अफसोस इस ग्राउंड को बचाने के लिए कोटा नगर के जनप्रतिनिधियों सहित नगर का युवावर्ग जो कि इस मैदान में खेलकर आज अलग-अलग शासकीय पदों पर पदस्थ है, साथ ही आज का वह युवा वर्ग जो कि खेल-मैदान में न खेलकर मोबाइल फोन पर पर ही खेलकूद कर रहा है, वह भी पूरी तरह से बेपरवाह हो चुका है।*

 

*”हरितछत्तीसगढ़” जनहित-नगरहित से जुड़े मुद्दों को लगातार प्रकाशित करता रहा है..और आगे भी दमदारी से निर्भीक होकर प्रकाशित करता रहेगा..चौथे स्तंभ होने की भूमिका निभाता रहेगा कोटा-नगर के चौथे स्तंभ में अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करने वाले पत्रकारों की पीड़ा थोड़ी रहती जरूर से हैं..पर बुनियादी मुद्दों जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित कर पाठको की उम्मीदो पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करती है..ये पाठकों का प्यार ही होता है..जिसकी वजह से पत्रकारों को लिखने का हौसला मिलता है, आगे भी बाकी खबरों के लिए हरितछत्तीसगढ़ पढ़ते रहे, हरित छत्तीसगढ़ का अगला-अंक पढ़ना न भूले अमृतकाल में “डबल इंजन की सरकार में अमरकंटक-उत्कल-भोपाल ट्रेनों की दरकार” अभी भी करगीरोड-स्टेशन को।*

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