Chhattisgarh

Kota-Updete: रमजान का 16-वा रोजा…रोजा रखने के साथ तराबीह की नमाज अदा कर रहे मुस्लिम-समाज के लोग।

Kota-Updete: रमजान का 16-वा रोजा…रोजा रखने के साथ तराबीह की नमाज अदा कर रहे मुस्लिम-समाज के लोग।

कोटा-मस्जिदे-ताहा में नागपुर-महाराष्ट्र से आए हुए हाफिजे कुरान हकीम-साहब तराबीह की नमाज़ अदा करा रहे हैं।

 

सुबह की सेहरी से लेकर शाम के इफ्तार होने तक मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदो में महिलाएं घरों में इबादते करती है।

मस्जिद-कमेटी-कोटा के मौजूदा-पदाधिकारी सदस्य-गण शबेकद्र व ईदुल-फितर की तैयारी में जुटे।

*दिनांक:27/04/2024*

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*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।*

 

 

*करगीरोड कोटा:- मुस्लिम-समुदाय का मुबारक-मुकद्दस अफजल (पवित्र) महीना कहलाने वाला रमजान का महीना जारी है..रमजान महिने का आज 16वा रोजा हो चूका है..मुस्लिम-कैलेंडर के हिसाब से 12-मार्च को पहले रोजे की शुरुवात हुई थी..मुस्लिम-समुदाय के लोगो के लिए रमजान का महीना काफी पवित्र माना जाता है..इस दौरान मुस्लिम-समुदाय के बच्चो से लेकर बड़े बुजुर्ग नवजवान-घरों में रहने वाली महिलाएं रमजान महीने के पूरे 30 रोजे (उपवास) रखते हैं।*

 

*सुबह 3:30 बजे से 04 बजे के बीच उठकर सेहरी के रूप में कुछ खाने के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे दिन भर बिना कुछ खाए-पिए रोजे (उपवास) रहते हुए शाम 06:30 बजे के बीच इफ्तारी के रूप में अपना रोजा (उपवास) खोलते हैं..इस बीच सुबह से लेकर रात के 10-बजे तक मुस्लिम-समुदाय के लोगो का पूरा समय मस्जिदो में इबादतो (प्रार्थना) में गुजरता है.. रोजा-खोलने के बाद रात के 09-बजे से लेकर रात 10 से 10:30 बजे के बीच रमजान के महीने में पढ़ाई जाने वाली विशेष तराबीह की नमाज अदा कराई जाती हैं..जिसमे की इस्लाम धर्म की मुकद्दस किताब कुरान-शरीफ की आयतों को हाफिजे कुरान द्वारा सुनाई जाती हैं..जिन्हे पूरा कुरान शरीफ मुखाग्र याद रहता है।*

 

*मस्जिदे ताहा कोटा में नागपुर महाराष्ट्र से आए हुए हाफिजे कुरान हाजी-हकीम साहब कोटा-मुस्लिम समाज के लोगो को तराबीह की नमाज़ अदा करा रहे हैं..रमजान के महीने में समाज के अलग अलग लोगो के द्वारा खासकर समाज के नवजवानो के द्वारा रोजा इफ्तार के साथ समाज के लोगो के लिए लंगर का इंतजाम भी किया जाता है रमजान के इस महीने में अगर कोई मुस्लिम-व्यक्ति सवाब (पुण्य) के नियत से कार्य करता है..तो उसे 01-के बदले 70-का सवाब (पुण्य) मिलता है..ऐसा समाज के बड़े पढ़े लिखे उलेमाओ-मौलाना द्वारा समाज के लोगो को बताई जाती है..इसके अलावा ईद के त्यौहार से पहले समाज के कमजोर-तबके के लोगो के इस्लाम धर्म में जकात फितरा निकाला जाने का हुक्म इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब ने दिया है, ताकि वो भी ईद का त्यौहार अच्छे से मना सके, जकात फितरा मुस्लिम-समुदाय के उन लोगो के लिए अनिवार्य है..जिनके पास 7/5 तोला सोना या फिर 52/किलो चांदी या उसके बराबर के रकम उसके पास मौजूद हो साल में एक बार रमजान माह में जकात-फितरा मुस्लिम-समुदाय के लोगो के द्वारा अनिवार्य रूप से निकाला जाता है..जो की एक प्रकार से समाज के कमजोर तबके के लोगो को समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए होता है।*

*मस्जिद-कमेटी-कोटा के मौजूदा पदाधिकारी समाज के अध्यक्ष जनाब बशीर बेग, उपाध्यक्ष जब्बार खान मोहम्मद जावेद खान हफीज खान, सचिव अब्दुल गफ्फार खान अमजद खान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद फिरोज राजा, मोईद कुरेशी, अहमद कुरेशी, शेख सिराज, सईद खान, दादा भाई, सुब्राती खान, सहित अन्य सदस्य-गण 06 अप्रैल को रमजान शरीफ की 27-वी शब शबेकद्र सहित ईदुल फितर की तैयारियों में जुट गए हैं।*

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