Chhattisgarh

बागबहार धान मंडी विवादों के घेरे में जांच दल ने किया 3500 बोरा धान कमी की पुष्टि

बागबहार धान मंडी विवादों के घेरे में जांच दल ने किया 3500 बोरा धान कमी की पुष्टि

 

प्रभारी प्रबंधक जयप्रकाश साहू , फड़ प्रभारी चंद्रकुमार यादव के मिली भगत से शासन को लगा लाखों का चुना

बागबहार। लंबे समय से भ्रष्टाचार को लेकर विवादों में रहने वाला बागबहार धान उपार्जन केंद्र में अंततः जांच उपरांत 3500 बोरा धान कम पाए जाने की पुष्टि अधिकारियों द्वारा की गई। तथा जांच दल द्वारा पंचनामा व प्रतिवेदन तैयार कर जिला प्रशासन को सौपा गया। आपको बता दें कि इस वर्ष 2024 25 में बागबहार धान उपार्जन केंद्र में धान खरीदी से लेकर उठाव तक काफी धांधली की गई है, तथा वहां का उपार्जन केंद्र लंबे समय से विवादों में घिरा रहा। 15 दिन पूर्व रायगढ़ में संचालित मां बंजारी राइस मिल द्वारा धान की गुणवत्ता को लेकर कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बागबहार से 7560 क्विंटल धान की परिदान हेतु मार्कफेड द्वारा डी ओ जारी किया गया था जिसमें राइस मिलर द्वारा धान में मानक गुणवत्ता के अभाव में 3860 क्विंटल धान का उठाव किया गया तद उपरांत उठाव में रोक लगा दिया गया। ऐसी स्थिति में करीब 3600 क्विंटल धान उठाव शेष रहा ,परंतु वहां की वास्तविक स्थिति में जितना डी ओ कटा हुआ है उसके अनुपात में ना वहां धान उपलब्ध रहा ना ही शेष धान में मानक गुणवत्ता रहा। इसी तारतम्य में शिकायत उपरांत जांच दल गठित किया गया जहां दिनांक 25 मई को खाद निरीक्षक फसाबहार हेमप्रकाश भारद्वाज द्वारा दो तिहाई हिस्सा धान खराब होने की पुष्टि की गई तथा जांच प्रतिवेदन जिला प्रशासन को सौपा गया ,उसके उपरांत 29 मई को पुनः जांच दल द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक के के एक्का,खाद्य निरीक्षक आलोक टोप्पो,प्रबंधक स्टेट वेयरहाउस अतुल सोनी, क्षेत्र सहायक श्रीमती शोभा यादव, पर्यवेक्षक अपेक्स बैंक पत्थलगांव सुबोध चौहान द्वारा निरीक्षण किया गया जहां धन उपार्जन केंद्र बागबहार में ऑनलाइन धान 8273 बोरी 33 09.2 क्विंटल धान दिखा किंतु भौतिक सत्यापन में 5975 बोरी 2390 क्विंटल धान पाया गया उपार्जन केंद्र में 2296 बोरी 919.02 क्विंटल धान भौतिक सत्यापन में कम पाया गया इसके अलावा डीएम पर्ची में 1090 बोरी की कमी पाई गई जो कि कल लगभग 3386 बोरी धान उपार्जन केंद्र में कमी की पुष्टि जांच दल द्वारा किया गया। यह आंकड़ा तो सिर्फ सरकारी व्यवस्था है वास्तव में वहां उपलब्ध धान की जांच की जाए तो प्रति बोरा 8 से 10 किलो कम पाया जा रहा है आपको यह बताना जरूरी है कि इस वर्ष की धान खरीदी में यहां पदस्थ प्रभारी प्रबंधक जयप्रकाश साहू व फड़ प्रभारी चंद्रकुमार यादव द्वारा बिचौलिए एवं उच्च अधिकारियों के मिली भगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है जब बात जांच तक आ गई तब उनके द्वारा बचने के अनेक हथकंडे अपनाए जा रहे हैं धान की बोरी की मात्रा बढ़ाने के लिए इनके द्वारा धान का तौल कम कर बोरी संख्या तक बढ़ाया जा रहा है, तथा शासन की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। बहरहाल पूरा मामला विवादों में घिरा हुआ है अब देखना यह है कि शासन प्रशासन इस मामले पर क्या कार्यवाही करते हैं।

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