Chhattisgarh

ट्रेक्टर में दर्जन भर नाबालिक थे सवार,एक गिरकर घायल, महिला एडवोकेट ने दिखाई मानवता,पुलिस ने घायल का कराया इलाज

पत्थलगांव- पत्थलगांव मे एक समाजसेवी महिला ने एक ट्रेक्टर की ट्राली मे सवार नाबालिक बच्चों मे से एक की गिरकर घायल हो जाने के मामले मे संज्ञान मे लेकर इसकी सूचना पत्थलगांव पुलिस को दी।जिसके बाद पुलिस ने घायल बच्चें का ईलाज कराकर सभी बच्चों को उनके परिजनों के सुर्पुद कर दिया साथ ही पुरे मामले को लेकर चाईल्ड लाईन को अवगत कराया है।बता दे की तेज गति में चल रहे ट्रैक्टर में 4 से 7 साल के दस से ज्यादा नाबालिक सवार थे, जिसमे से एक नाबालिक चलती ट्रेक्टर से नीचे गिर गया बाकी लोग बाल बाल बच गए जिसकी वजह से बड़ा हादसा होते होते टल गया।

दरअसल पत्थलगांव शहरी आबादी रायगढ रोड मे एक समाजसेवी एडवोकेट महिला स्मृति ने सडक पर तेज गति से गुजर रहे कंडम हालात के ट्रेक्टर मे बैठे कुछ नाबलिक बच्चों को गिरते देखा इस दौरान एक बच्चा चलती ट्रेक्टर गिरकर बुरी कदर घायल भी हो गया था। एडवोकेट महिला तत्काल मौके पर पहुंचकर पुछताछ करनी शुरू कर दी तो ट्राली का डाला टूटकर खुल जाने से एक बच्चा गिरकर घायल होने की जानकारी मिली,बच्चों ने महिला को बताया कि वे सभी एक ईंट भटठे मे काम कर ट्रेक्टर मे आ रहे थे। समाजसेवी एडवोकेट महिला ने इसकी सूचना पुलिस को दी पुलिस ने ट्रेक्टर को कब्जे मे लेकर बच्चें का ईलाज कराया है।

इस मामले मे बडा सवाल यह उठ रहा है कि परिवहन विभाग के नियमों की अवहेलना कर वाहनों को दौड़ाए जा रहे कंडम हालात के ट्रेक्टर जिसका न तो बीमा है और न ही कमर्शियल पंजीयन साथ ही नाबालिक बच्चों को बैठाकर तेज गति से कंडम हालात के ट्रेक्टर को चलाने वाले चालक के विरूद्ध पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही किया जा सका है। वही नाबालिक बच्चो से काम लिए जाने के मामले में सख्ती से पूछताछ किया जाये तो ट्रैक्टर व ईंट भट्टे के संचालक की बड़ी भूमिका सामने आ सकती है। बता दे कि शहर में कई ऐसे नाबालिक बच्चे हैं जो तेज रफ्तार से ट्रैक्टर टॉली को दौड़ाते हैं। लोगों के मुताबिक इस सड़कों पर हम कई वाहनों को आते जाते देखते हैं जिनको उनके चालक अनियंत्रित गति से दौड़ाते हैं। पुलिस भी इन वाहन चालकों को अनदेखा कर रही है। कार्रवाई न होने की वजह से इनके हौसले बुलंद हैं। लोगों के मुताबिक घनी बस्ती व आबादी वाले इलाके में भी इन वाहन चालकों द्वारा रफ्तार को धीमा नहीं किया जाता है जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। शहरी आबादी वाले क्षेत्र में भी ट्रक, डम्पर, ट्रैक्टर सहित अन्य वाहन फर्राटा भरते हुए गुजर जाते हैं। बस संचालक भी शहर में घुसते ही तेज रफ्तार से वाहन को चलाते हैं। क्षेत्र में मोटर साइकिल सहित ट्रैक्टर टॉली नाबालिकों द्वारा चलाई जाती है, इस पर भी किसी तरह का नियंत्रण पुलिस विभाग का नहीं है। वाहन चलाने वाले नाबालिकों के खिलाफ मुहिम न चलने से वे मनमर्जी से वाहन दौड़ाते हैं वहीं उनके अभिभावकों को भी इसकी चिंता नहीं रहती।

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