31 वर्षों बाद ससुर की विरासत संभाली बहू ने, कांग्रेस ने रचा इतिहास

31 वर्षों बाद ससुर की विरासत संभाली बहू ने, कांग्रेस ने रचा इतिहास

पति ने 35 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा, पत्नी ने 31 वर्षों का

जशपुरनगर। जशपुर जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने 31 वर्षों के बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। स्वेता विनय भगत ने डीडीसी पद पर 6,293 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की, जो इस चुनाव की अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।

परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया

स्वेता विनय भगत के ससुर स्व. रामदेव भगत 1994 में कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) चुने गए थे। इसके बाद इस सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा, लेकिन 31 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस ने फिर से इस सीट पर अपना परचम लहराया।

सबसे चर्चित चुनावी मुकाबला

डीडीसी क्षेत्र क्रमांक 5 में स्वेता विनय भगत ने भाजपा की दिग्गज महिला नेत्री को हराकर नया रिकॉर्ड बनाया। स्वेता पूर्व विधायक विनय भगत की पत्नी हैं, और उनकी इस जीत का श्रेय विनय भगत के पिछले कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों और उनके मजबूत नेतृत्व को दिया जा रहा है।

विनय भगत ने भी रचा था इतिहास

स्वेता विनय भगत के पति, पूर्व विधायक विनय भगत ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 35 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़कर जशपुर सीट पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित की थी। इससे पहले 1984 में लुईस बेक कांग्रेस से विधायक बने थे, लेकिन उसके बाद यह सीट लगातार भाजपा के पास रही।

सामाजिक कार्यों में सक्रिय परिवार

स्वेता विनय भगत का परिवार राजनीतिक और सामाजिक कार्यों से जुड़ा रहा है। उनके ससुर स्व. रामदेव भगत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। वे उरांव समाज की सरहुल पूजा का नेतृत्व करते थे और समाज के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।

जशपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जश्न

स्वेता विनय भगत की ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। इस जीत को पार्टी के लिए एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे कांग्रेस को आने वाले चुनावों में और मजबूती मिल सकती है।

 

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