बिलासपुर बना ‘नागलोक’, स्पीकर का मजेदार सवाल – सांप फर्जी था या आदमी?

छत्तीसगढ़ का ‘नागलोक’ अब बदल गया है! अब तक जशपुर को सांपों का गढ़ माना जाता था, लेकिन अचानक बिलासपुर ने यह ‘खिताब’ छीन लिया है। कारण? बिलासपुर में सर्पदंश से 431 लोगों को मुआवजा दे दिया गया, जबकि जशपुर में यह आंकड़ा केवल 96 था।
कथित तौर पर बिलासपुर में सर्पदंश के नाम पर 17 करोड़ रुपये का मुआवजा घोटाला सामने आया है , जिससे मामला विधानसभा तक गूंज गया।भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि जशपुर, जिसे पारंपरिक रूप से ‘नागलोक’ कहा जाता है, वहां सर्पदंश से 96 मौतें हुईं। लेकिन बिलासपुर में यह आंकड़ा चार गुना से भी ज्यादा—431 तक पहुंच गया, जो असंभव लगता है! शुक्ला ने आरोप लगाया कि मुआवजे के नाम पर करोड़ों की गड़बड़ी हुई है। सर्पदंश से मौत दिखाकर 17 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
लेकिन असली मजेदार मोड़ तब आया जब स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने चुटकी लेते हुए पूछ लिया – ‘वहां सांप फर्जी था या आदमी?’
विधायक धरमलाल कौशिक भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा – “हमें तो जशपुर के नागलोक सुनने की आदत थी, बिलासपुर कब नागलोक बन गया, पता ही नहीं चला!”
अब जांच से ये साफ होगा कि बिलासपुर में सच में सांपों का आतंक था या फिर फर्जी सांपों के नाम पर करोड़ों का खेल खेला गया?

बिलासपुर में हुए मुआवजा घोटाले की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। क्या सच में इतने सांप थे, या फिर यह किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा है? यह तो जांच के बाद ही साफ होगा!