Kota-Updete:-कोटेश्वर माघ मेले का आज दसवां दिन…मीना-बाजार के झूलो के बीच लकड़ी का ढेलवा झूला मेले से गायब।-

*Kota-Updete:-कोटेश्वर माघ मेले का आज दसवां दिन…मीना-बाजार के झूलो के बीच लकड़ी का ढेलवा झूला मेले से गायब।-*

*26-फरवरी महा- शिवरात्रि पर्व से शुरू हुआ कोटेश्वर-मेला आसमानी झूलो सहित बॉम्बे-बाजार बॉम्बे की चौपाटी मेले में मौजूद।*

*कोटा से लगे ग्रामीण इलाकों के ग्रामीणों की मेले में लगातार उमड़ रही भीड़ ट्रेनों से लोगों की आवाजाही जारी है।*

*मेले में नशेड़ियों असामाजिक-तत्वों का अभी भी जमावड़ा पुलिसिया कार्यवाही के बाद भी महिलाओं पर छींटाकशी जारी है।*

*दिनांक:-07/03/2025*

*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।*

*करगीरोड-कोटा:-26 फरवरी महाशिवरात्रि पर्व से शुरू कोटेश्वर-मेले में लगातार शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण क्षेत्रों के आमजनों खासकर महिलाओं बच्चों की आवाजाही लगातार बनी हुई है..वैसे तो कोटसागर में लगने वाला माघ मेला 01-हफ्ते का होता है..पर इस बार 01- हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया है..कोटसागर में चल रहे कोटेश्वर मेले का आज दसवां दिन है मेले की व्यवस्था में नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी पुलिस विभाग के मातहत सहित स्वास्थ विभाग के शिविर लगे हुए हैं..नगर पंचायत के कर्मचारी जहां एक ओर मेले की व्यवस्था के साथ राजस्व वसूली में लगे हुए वही पुलिस विभाग के मातहत मेले की कानून व्यवस्था को संभाले हुए हैं शाम रात के वक्त कोटा थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ प्रशिक्षु-आईपीएस अधिकारी सुमित कुमार स्वयं ही गस्त करते हुए दिखाई देते हैं, मेले में नशेड़ियों सहित कानून व्यवस्था खराब करने वाले उपद्रवीयो पर लगातार पुलिसिया कार्यवाही भी जारी है।* 

*मेले की शान “ढेलवा झूला” मीना बाजार के हाईटेक-झूलो के बीच से गायब:—*

*तखतपुर के बेलपान सहित धार्मिक नगरी रतनपुर के माघी मेले के बाद महाशिवरात्रि पर्व के दिन ही कोटेश्वर-मेले की शुरुवात होती है..कोटा के कोटसागर में लगने वाले कोटेश्वर मेले का इतिहास काफी पुराना है..पहाड़ों के बीच कोटसागर तालाब के इर्दगिर्द लगने वाला कोटेश्वर-मेले में एक ओर जहां लकड़ी से बने ढेलवा झूले शान होती है..? उसकी जगह मीना-बाजारों की रौनक कहे जाने वाले हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक आसमानी झूलो ने ले ली है..?एक समय लकड़ी से बनाए गए ढेलवा झूला घोड़े के झूले मेले की शान होती थी…मौजूदा आज के डिजिटल दौर में गायब हो चुके है.मेले की कुछ पुरानी खास चीजों में खासकर “उखरा” गुपचुप चाट की दुकानें, बर्फ के गोले, होटलों की गर्म जलेबिया मौजूदा दौर की आइस्क्रीम, बॉम्बे की चौपटिया के साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन बच्चों के झूलो खिलौनों के साथ महिलाओं के श्रृंगार के सामान घरों के किचन में उपयोग किए जाने वाले ए-टू-जेड आपको मेले में दिखाई देंगे।

*मेले के अंदर व बाहर नशेड़ी-गंजेडियो सहित चिरकुट उपद्रवियों की मौजूदगी अभी भी:—*

*शाम रात के समय मेले के अंदर और रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूदा दौर के चिरकुट टाइप के कुछ जोशीले युवा खून की गर्मी दिखाते हुए भी दिखाई देते है..?उनके नशे के धुन पर कुछ गंजेडी-नशेड़ी झुंड बनाकर मेले के अंदर उपद्रव मचाते हुए दिखाई देते है..?शाम रात के समय ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं युवतियों पर छींटाकशी गाली गलौज करते हुए भी दिखाई देते है..? ऐसे कुछ सड़क छाप मनचलों मजनुओं पर कोटा पुलिस द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा के तहत कार्यवाही भी की गई है..पर अभी भी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शाम रात के समय मेले के अंदर और बाहर ऐसे कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है..?पिछली बार मेले मे उपद्रव मचाने वालों को प्रशिक्षु आईपीएस की दो टूक के के बाद इस बार सबकुछ मेले में तो शांत रहा..? पर इस बार उपद्रवियों में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की तादात ज्यादा दिखाई दे रही है..?शहरों की हवा इस समय ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बहने लगी है..?सामने होली का त्यौहार है..?शहरी व पंचायत चुनाव निपटने के बाद चुनावी रंजिश भी शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में अक्सर होली के त्यौहार पर ही निकलती है..?होली से पूर्व थाने में शांति समिति की बैठक होती है..देखना होगा कि मौजूदा थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ प्रशिक्षु आईपीएस-अधिकारी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या करते है।*

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *