जशपुर के पूर्व कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल को स्टार्ट-अप और MSME श्रेणी में सम्मान-एक्सप्रेस एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवार्ड्स 2025

एक्सप्रेस एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवार्ड्स 2025: जशपुर के कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल को स्टार्ट-अप और MSME श्रेणी में सम्मान

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नीरज गुप्ता संपादक

नई दिल्ली: एक्सप्रेस एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवार्ड्स के तीसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। हर दो साल में आयोजित होने वाले ये पुरस्कार भारत में शासन के क्षेत्र में अग्रणी जिलाधिकारियों (DM) के कार्यों को पहचान देने और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए दिए जाते हैं।

इस वर्ष 4 मार्च को आयोजित पुरस्कार समारोह में देश भर के जिलाधिकारियों को उनके अभिनव प्रयासों और प्रभावशाली परियोजनाओं के लिए सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारत के मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह की अध्यक्षता में जूरी ने विजेताओं का चयन किया, जबकि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

पुरस्कारों के इस संस्करण में शिक्षा, स्वास्थ्य, समावेशन, प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और MSME सहित विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता के लिए जिलाधिकारियों को सम्मानित किया गया।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. रवि मित्तल को स्टार्ट-अप और MSME श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके नेतृत्व में जिले ने नवाचार, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,

“डीएम कोई व्यक्ति नहीं है; डीएम एक संस्था है। इस पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति से पूरे देश को बहुत उम्मीदें होती हैं।”यह पुरस्कार समारोह उन जिलाधिकारियों की कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और समर्पण को मान्यता देने का एक प्रयास है, जिन्होंने स्थानीय शासन को प्रभावी, उत्तरदायी और नवाचारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उनके कलेक्टर रहते किए गए प्रयासों को सशक्त बनाने के लिए, जशपुर जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ प्योर नामक पहल की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना और एक मजबूत ब्रांड पहचान स्थापित करना था।इस पहल के माध्यम से न केवल उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ, बल्कि दिल्ली, उदयपुर और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में बिक्री केंद्र भी स्थापित किए गए। मात्र तीन महीनों में, छत्तीसगढ़ प्योर के तहत 4.5 लाख उत्पाद भौतिक दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बेचे जा चुके हैं।

 

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