छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिव संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकारी कामकाज ठप

/जशपुर, 18 मार्च 2025 – अपनी विभिन्न मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। 17 मार्च को जब संघ के सदस्य विधानसभा घेराव के लिए निकले, तो उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। इसके विरोध में 18 मार्च से जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में “काम बंद, कलम बंद” आंदोलन शुरू कर दिया गया है।
मोदी की गारंटी का हवाला, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
संघ के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दौरान “मोदी की गारंटी” में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण (सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने) का वादा किया गया था। 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को इसका लाभ देने की बात कही गई थी।7 जुलाई 2024 को रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, तथा घोषणा पत्र संयोजक (सांसद, दुर्ग) की मौजूदगी में शासकीयकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया गया था। 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक समिति बनाई गई, जिसे 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन बजट सत्र में इस पर कोई अमल नहीं हुआ, जिससे पंचायत सचिवों में नाराजगी बढ़ गई।
जशपुर में भी हड़ताल का असर, ग्रामीण परेशान
जशपुर जिले के सबसे अहम ब्लॉक मुख्यालय पत्थलगांव समेत पूरे जिले में पंचायत सचिवों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इसका सीधा असर गांवों के विकास कार्यों पर पड़ने लगा है।नव निर्वाचित सरपंचों के लिए प्रशासनिक कार्य करना मुश्किल हो रहा है।गांवों में जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड जैसे कार्यों में रुकावट आ गई है।ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए भटकना पड़ रहा है।
आंदोलन पर सरकार की चुप्पी, आगे क्या?
पंचायत सचिव संघ ने सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की है, अन्यथा आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। देखना होगा कि प्रशासन इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए क्या कदम उठाता है।