रजिस्ट्री कराना बना ‘सिर दर्द,’ पत्थलगांव में परेशान ग्रामीणों ने कहा – “रजिस्ट्री कराना है या मैराथन दौड़ लगानी है?”

पत्थलगांव। जशपुर जिले के पत्थलगांव उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराने आए ग्रामीणों का हाल ऐसा है जैसे वे किसी सरकारी रजिस्ट्री के लिए नहीं, बल्कि ओलंपिक दौड़ में भाग लेने आए हों! विभागीय उप पंजीयक के नहीं होने से एवं तहसीलदार की VIP ड्यूटी ने आम जनता को ‘धैर्य परीक्षा’ में डाल दिया है।
‘रजिस्ट्री या दिनभर का धरना?’
ग्रामीणों का कहना है कि जशपुर जिला इन दिनों व्हीआईपी जिला होने की वजह से तहसीलदार अधिकाशं समय प्रशासनिक कार्यों, VIP ड्यूटी, और प्रोटोकॉल की वजह से दौरे में इतने व्यस्त रहते हैं कि रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकारों को पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो दिनभर इंतजार के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हो पाती, और लोगों को खाली हाथ घर लौटना पड़ता है। फिर अगले दिन नई उम्मीद लेकर वे रजिस्ट्री ऑफिस में ‘मैच का दूसरा राउंड’ खेलने पहुंच जाते हैं।
स्थानीय लोगों ने मजाकिया अंदाज में कहा, “यहां रजिस्ट्री कराने आने से पहले सोचना पड़ता है – घर का टिफिन पैक कर लें, क्योंकि दिनभर इंतजार में ही निकल जाता है।
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ग्रामीण लामबंद, रजिस्ट्री के लिए ज्ञापन!’
हालात से परेशान होकर ग्रामीणों ने अब लामबंद होना शुरू कर दिया है। उन्होंने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि पत्थलगांव उप पंजीयक कार्यालय में विभागीय कर्मचारी की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए, ताकि उन्हें बार-बार दौड़ने की ‘परेशानी एंव रजिस्ट्री मैराथन’ से राहत मिल सके।
‘आखिर कब होगी रजिस्ट्री टाइम पर?’
पत्थलगांव का यह उप पंजीयक कार्यालय जशपुर जिले का सबसे बड़ा राजस्व केंद्र माना जाता है, लेकिन यहां की बदहाल स्थिति से आम जनता त्रस्त है। तहसीलदार की बढ़ती व्यस्तता ने रजिस्ट्री कार्यों को ठप कर दिया है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द उनकी इस समस्या का समाधान करेगी, ताकि रजिस्ट्री का काम बिना VIP ट्रीटमेंट के भी समय पर हो सके।
ग्रामीणों का सवाल:
“आखिर कब हमारी रजिस्ट्री एक दिन में होगी? या हम VIP ड्यूटी से फ्री होने का इंतजार ही करते रहेंगे?”