
पत्थलगांव। सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ प्रांत रायगढ़ विभाग स्तरीय गणित एवं विज्ञान मेला समारोह का भव्य समापन लुड़ेग स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। दो दिवसीय इस मेले में जिलेभर से आए छात्र-छात्राओं ने गणित और विज्ञान विषयों पर आधारित मॉडल, प्रोजेक्ट और प्रयोग प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

बच्चों ने कठिन वैज्ञानिक अवधारणाओं को सरल और रोचक ढंग से समझाते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।समापन अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा –”गणित और विज्ञान आज की शिक्षा की रीढ़ हैं। यदि विद्यार्थी शोध और नवाचार की दिशा में लगातार प्रयास करेंगे, तो आने वाले समय में वे निश्चित ही देश और प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगे।

मंच पर इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री मनीष अग्रवाल, जिला मंत्री आलोक सारथी, बालेश्वर चौहान, प्रदीप चौहान, कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं संस्था के कोषाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि गोपाल गोयल, धर्मपाल अग्रवाल, रामावती जायसवाल, संजय कुमार अग्रवाल, प्रेमलाल पटेल, संजय कुमार यादव, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, राजेंद्र कुमार साहू, जितेन्द्र मिश्रा, तारकेश्वर सिंह, गुड़िया यादव, भारती शर्मा (आईटी सेल) सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।मेले में प्रस्तुत छात्र-छात्राओं के मॉडल और प्रयोगों ने सभी का मन मोह लिया।

बच्चों की सृजनात्मकता और नवीनता की सराहना करते हुए मुख्य अतिथि श्री साय ने कहा कि “गणित और विज्ञान विद्यार्थियों की प्रतिभा को दिशा देने के सशक्त माध्यम हैं।

ऐसे आयोजन से उनमें अनुसंधान की जिज्ञासा और नवाचार की भावना का विकास होता है।” उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत, लगन और अनुशासन को जीवन का मूल मंत्र बनाने की प्रेरणा भी दी।अन्य अतिथियों ने भी छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए विज्ञान और गणित शिक्षा को भविष्य निर्माण की आधारशिला बताया।इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य सीताराम प्रधान, नरेश नंदे, छत्रमोहन यादव, शकुन्तला यादव, रीता प्रधान, राजेंद्र यादव सहित शाला परिवार के सभी आचार्य-दीदीजी, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, अभिभावक एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।कार्यक्रम का पूरा वातावरण उत्साह, उमंग और ऊर्जा से परिपूर्ण रहा।
