वार्ड-नंबर 14 धरमपुरा तालाब के बगल में खुलने वाले पेट्रोल-पंप में भूमि सहित अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर बवाल।
पेट्रोल पंप के बहाने कृषि-भूमि का कमर्शियल उपयोग कर कोलवाशरी खोलने का रास्ता साफ करने की तैयारी तो नहीं..?
2025 में हुए नगर पंचायत चुनाव के दौरान सत्ता के गलियारों में पेटी-खोखे की चर्चा-जोरो शोरो से उठने की क्या यही वजह रही..?
**दिनांक:-22/09/2025**मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।

करगीरोड-कोटा:-सत्र 2014/15 नगर पंचायत के चुनावी साल में वार्ड नंबर 14 धौराभाटा-रेलवे लाइन के आसपास बाहरी कोयला संचालक द्वारा कोलवाशरी खोलने सहित नगर पंचायत कोटा द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की तैयारी की भनक लगते ही कांग्रेस बीजेपी के जागरूक जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया था..काफी हो हंगामा हुआ,

राजनीतिक दल के नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा आरोप प्रत्यारोप का दौर चला मीडिया हेडलाइन बनी..?पुतला दहन हुआ..?झोले में पैसे लेकर बांटने का दौर चला..?काफी हो हंगामा के बाद उस वक्त तो कोलवासरी का चैप्टर क्लोज हो गया..पर 2025 में एक बार फिर से कोटा नगर के उसी वार्ड उसी जगह पर बार सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि पर कोलवाशरी खुलने की गूंज सुनाई दे रही है, इसके लिए बकायदा नगर पंचायत कोटा में मई 2025 में अनापत्ति प्रमाण के लिए आवेदन दिया गया है..?जो कि आवेदन अभी परिषद में लंबित हैं.. एनोसी जारी नहीं किया गया है।**2014/15 की कहानी नए किरदारों के जरिए 2025 में दोहराने के तैयारी:–**इसी कड़ी में उसी कड़ी को जोड़ते हुए पाठकों को बताते चले कि पूरानी स्टोरी में पर्दे के पीछे नए किरदारों के माध्यम से फिर से वही कहानी को दोहराने की कोशिश की जा रही है,वार्ड नंबर-14 धरमपुरा तालाब के बगल में एक निजी जमीन पर पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी हो रही है निजी जमीन पर मिट्टी मुरूम पाटने की जगह छुरी कोरबा से राखड़ो को डंप किया जा रहा है..?

जिस पर उस वार्ड के पार्षद ने आपत्ति जताई कुछ दिनों पता चला कि नगर पंचायत कोटा द्वारा नियम शर्तों की कड़िकाओ के साथ अनापत्ति प्रमाण जमीन मालिक को दे दिया गया जहां आज भी कार्य जारी है,पर उक्त जमीन मालिक द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के नियम शर्तों की धज्जियां उड़ाते हुए विपरीत कार्य किया जा रहा है..?

मीडिया हेडलाइन के बाद कोटा नगर के एक व्हाट्सएप ग्रुप में कोटा नगर के जागरूक जनप्रतिनिधियों सहित आम लोगों ने टीका टिप्पणियां शुरू कर दी काफी देर तक टीका टिप्पणियां के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि के तरफ से आमजनो को आश्वस्त किया गया..कि नियम शर्तों के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है..

नियम का पालन नहीं करने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाएगा, जो कि ये बात अनापत्ति प्रमाण पत्र के नियम शर्तों के कंडिकाओ में भी लिखा हुआ है।
**नियम-शर्तों की खुलेआम धज्जियां उड़ाता हुआ आवेदक:–**परंतु उक्त बातों के बाद भी जमीन मालिक के द्वारा नियम शर्तों की धज्जियां उड़ाते हुए अपना कार्य जारी रखें हुए है..इस बारे में हरित छत्तीसगढ ने जब मौजूदा मुख्य नगर पंचायत अधिकारी राहुल यादव से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे आने से पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है मौके पर जाकर देखता हु..?फिर बताता हु..? उसके बाद से लेकर अब तक नगर पंचायत सीएमओ अब तक बताते ही रहे..?उनके तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है,वही इस बारे में जब एसडीएम कोटा नितिन तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है मामले में सम्बन्धित को नोटिस जारी की गई है।
पेट्रोल पंप एक बहाना कोलवाशरी के लिए रास्ता साफ करना:—
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कोटा नगर में घूम घूमकर कृषि कार्य के लिए बोलकर भोले भाले किसानों की कृषि भूमि को महंगे दामों में खरीदकर कोयला कारोबारी को जमीन बेचने वाले बाहरी जमीन दलाल इस समय कोटा नगर सहित कोटा के आसपास के इलाके में काफी सक्रिय है..?मजेदार बात जिस भूमि स्वामी द्वारा उक्त भूमि पर पेट्रोल पंप खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण मांगा गया था..?उक्त भूमि खसरा नंबर पर विवाद हो गया है..?राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार उक्त भूमि अभी किसी और के नाम दिखा रहा है,उक्त भूमि के नामांतरण रजिस्ट्री में कुछ पेंच फंसा हुआ है,जिस पेंच को राजस्व कर्मचारी के जरिए निकालने की कोशिश की जा रही है..?**इससे पूर्व वार्ड पार्षद द्वारा नगर पंचायत द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का विरोध किया था..? राखड़ डंप करने का विरोध किया गया था..? पर मौजूदा स्थिति में वो वार्ड पार्षद भी किसी आश्वाशन पर मौन हो चुका है..?राखड़ डंप वाली जगह के बगल से सिंचाई विभाग का नहर निकला हुआ है..?इस बारे में सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौन है..?राखड़ डंप करने वाले को शायद रतनपुर रोड का पहाड़ नहीं दिखा..? देखना चाहिए था..?सुबह से लेकर शाम रात तक रसूखदारों द्वारा पहाड़ों के पत्थर मिट्टी खोद खोदकर पहाड़ को जमींदोज करने पर तुले हुए हैं..?
उक्त भूमि स्वामी को फिर उनके जमीन दलाल को इन्हीं लोगों से संपर्क कर लेना था..?माइनिंग विभाग के मातहत तो पहले से ही कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं..?बिना जिला कलेक्टर के फटकार के कार्यालयों से बाहर निकलते ही नहीं वही दूसरी तरफ कोटा अनुविभाग के राजस्व विभाग के मातहतो की नजर पड़ने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करना समझ से परे है..?इन दिनों कोटा राजस्व विभाग के मातहत अधिकारी-कर्मचारी चुनाव आयोग के आदेश के बाद एसआईआर की तैयारी में जुटे हुए वही सैकड़ों एकड़ शासकीय-जमीनों पर भू-माफियायो के कब्जे हटवाकर छत्तीसगढ शासन के नाम दर्ज करवा रहे..इन कार्यों के अलावा राजस्व विभाग के मातहत अधिकारियों को भी उनके अनुविभाग में हो रहे इन अवैधानिक कार्यों पर स्वत: या फिर मीडिया में प्रकाशित खबरों के माध्यम से संज्ञान लेकर कार्यवाही करना चाहिए।*