विधानसभा सत्र में गूंजा जशपुर की प्रशासनिक बदहाली का मुद्दा, गोमती साय ने उठाई अफसरों की कमी की आवाज

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नीरज गुप्ता संपादक हरितछत्तीसगढ़

पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन पत्थलगांव की विधायक श्रीमती गोमती साय ने जशपुर जिले की बड़ी समस्या को सदन में पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा से सवाल किया कि जशपुर जिले के जिला, अनुविभागीय और तहसील कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की स्थिति क्या है, कितने पद स्वीकृत हैं और कितने रिक्त हैं।गोमती साय ने सदन के माध्यम से सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि जब तक इन पदों पर भर्ती नहीं होती, तब तक कामकाज कैसे चल रहा है और आम जनता को कब तक इस परेशानी से गुजरना पड़ेगा।

राजस्व मंत्री का जवाब: राजस्व मंत्री द्वारा प्रस्तुत जवाब में यह स्पष्ट किया गया कि जशपुर जिले में अधिकांश प्रशासनिक पद स्वीकृत तो हैं, लेकिन बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। विभागीय कामकाज की निरंतरता बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के कर्मचारियों से अस्थायी रूप से काम लिया जा रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है, किंतु इसकी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।

जनता की समस्याओं को सदन तक पहुंचाया: विधायक गोमती साय ने यह मुद्दा जनहित में उठाया, जिससे स्पष्ट होता है कि वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। जिले में कर्मचारियों की भारी कमी के कारण जनता को राजस्व और प्रशासनिक कार्यों के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।।

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