Chhattisgarh

हरित छत्तीसगढ़-लगातार:–वेलकम-डिस्टलरी शराब-फैक्ट्री कोटा नगर सहित ग्रामीण-क्षेत्रों के लिए वरदान या अभिशाप

*हरित छत्तीसगढ़-लगातार:–वेलकम-डिस्टलरी शराब-फैक्ट्री कोटा नगर सहित ग्रामीण-क्षेत्रों के लिए वरदान या अभिशाप।*

*शराब-फैक्ट्री की चिमनी से निकलने वाला धुआं-राखड़ डस्ट किसानों के फसल और खेत के लिए पनौती साबित हो रहा है।*

*प्लांट से निकला दूषित गंदा पानी कैसे सैकडों-एकड़ खेतों से होकर खरगहनी के नाले में बहाकर प्रदुषण फैलाता है:-खबर के अगले अंक में विस्तार से।*Ad

*दिनांक:-28/11/2023*

 

*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।।*

 

 

*करगीरोड-कोटा:-बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले छेरकाबांधा स्थित वेलकम-डिस्टलरीज शराब-फैक्ट्री विधानसभा-चुनाव से पूर्व आचार-संहिता से पहले और आचार-संहिता लगने के बाद से ही काफी सुर्खियों में है कोटा नगर सहित कोटा से लगे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बड़े-बुजुर्ग-स्कूली-बच्चे युवा-महिलाएं सहित छत्तीसगढ़-सरकार की शान किसान व उसके खेत-खलिहान वेलकम-प्रबंधन से निकलने वाले प्रदूषण व निकलने वाले बदबूदार अपशिष्ट-पदार्थ से हलाकान-और परेशान हैं।*

 

*वेलकम-डिस्टिलरीज-शराब फैक्ट्री की चिमनी से निकलने वाला धुआं-व-राखड़ हवा में घुलकर किसानों के खेत-खलिहान को नुकसान पहुंचा रहा है..फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं और गंदे-पानी से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है..फैक्ट्री से निकलते प्रदूषण से फसलें तो खराब हो रही हैं..साथ ही आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है..चिमनी से निकले राखड़ हवा में घुलकर खेत और फसलों में इस तरह से जम जाते है..जिससे किसानों को फसल काटते समय राखड़-डस्ट उडकर आंखों में चला जाता है, जिसके कारण आंख में राखड़ डस्ट के जाने से जलन की समस्या होती है और खेतों में पूरा राखड़ जमा हो जाता है..खेत पूरा काला हो जाता है..और फसल भी कम होती है..ग्रामवासियों ने कई बार स्थानीय प्रशासन सहित जिला-प्रशासन से शिकायत भी की है..वहीं पर्यावरण और प्रदुषण नियंत्रण-विभाग तो कानो में रुई डालकर बैठा हुआ है, वेलकम प्रबंधन सहित जिला प्रशासन व उसके मातहत अधिकारियों के खिलाफ अब कोटा-नगर सहित ग्रामीणों-इलाको में आक्रोश-पनपने लगा है..जो कि किसी दिन भी फुट सकता है।*

 

*स्थानिय-ग्रामीणों नें बताया कि ग्राम-पंचायत छेरकाबांधा में वेलकम फैक्ट्री के प्रदूषण से लगभग 50-एकड़ खेती प्रभावित होती है..दुसरी ओर प्लांट के आसपास सब्जी भाजी लगाने वाले किसान भी इससे प्रभावित है, राखड़ डस्ट और प्रदुषण की मार झेल रहे है,और इन सबसे ज्यादा धान की फसल लगाने वाले किसान प्रभावित हो रहे हैं, स्थानीय निवासी पंचराम साहू एवं अन्य ग्रामवासियों नें बताया कि फैक्ट्री की चिमनी से निकले राखड़ से फसल काटनें में बहुत दिक्कत होती है, आंख में राखड़ के डस्ट चले जाते है, जिसकी वजह से कुछ जगह की फसल भी मजबूरी वश छोड़ना पड़ता है, इसके साथ ही फसल की पैदावार में भी फर्क पडा़ है, खेत में राबिस जमा होने के कारण वेलकम प्रबंधन की मनमानी के चलते स्कूली बच्चे भी बदबू से हलाकान-परेशान थे, तालाब में गंदा पानी बहाने मिडिया में खबरे प्रकाशित होने के बाद तहसीलदार साहब नें जांच की थी जो की सही पाया गया था, पर वेलकम-प्रबंधन के रसूख के चलते वर्तमान स्थिति तक कुछ नही हुआ..बहरहाल चिमनी से निकलने वाले राखड़ की रोकथाम के लिए प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाए जाने पर्यावरण और प्रदुषण नियंत्रण विभाग की अनदेखी से समस्या दिन-ब-दिन भयावह होते जा रही है।*

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