स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर केंद्रित दो दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित

पहले दिन सीएमएचओ एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक की उपस्थिति में योजनाओं की जिलेवार समीक्षा, प्रभावी सेवा प्रदायगी पर बल

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय रहते पहचान कर उन्हें समुचित देखभाल प्रदान करना प्राथमिकता : श्री अमित कटारिया 

रायपुर,

पहले दिन सीएमएचओ एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक की उपस्थिति में योजनाओं की जिलेवार समीक्षा, प्रभावी सेवा प्रदायगी पर बल
  प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति और प्रभावशीलता की समीक्षा हेतु दो दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की शुरुआत आज राजधानी रायपुर के सर्किट हाउस में की गई। यह बैठक माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी के मार्गदर्शन में तथा स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई। 

 बैठक में विभागीय योजनाओं की जिलेवार समीक्षा करते हुए सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी में कोई ढिलाई न हो और सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जाए।

श्री कटारिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में नियमित रूप से फील्ड विजिट करें और प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की वास्तविक स्थिति की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वच्छता, मरीजों के प्रति संवेदनशील व्यवहार, आवश्यक जीवनोपयोगी दवाओं की उपलब्धता और अधोसंरचना की स्थिति बेहतर होना अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि सेवा प्रदायगी के प्रत्येक पहलू में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और ईमानदारी बनी रहनी चाहिए।

बैठक के दौरान मातृ और शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए श्री कटारिया ने कहा कि हमारा लक्ष्य ‘शून्य मातृ मृत्यु’ की अवधारणा को साकार करना है। इसके लिए उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय रहते पहचान कर उन्हें समुचित चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करना जरूरी है। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी लाने तथा संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया गया।

स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। श्री कटारिया  ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे तकनीक का समुचित उपयोग करते हुए सेवाओं की निगरानी, सूचना संप्रेषण और फीडबैक प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएं। साथ ही, विभाग से जुड़े सभी कानूनी प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. एस.के. पामभोई ,सभी संभागों के संयुक्त संचालक सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मातृत्व स्वास्थ्य, पीसीपीएनडीटी अधिनियम, शिशु स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार कल्याण, मलेरिया एवं टीबी उन्मूलन जैसे प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की गई।

बैठक के अंत में सचिव श्री कटारिया ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश को टीबी एवं मलेरिया मुक्त बनाना, मातृ-शिशु स्वास्थ्य संकेतकों को राष्ट्रीय औसत से बेहतर करना तथा प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे सेवा भावना के साथ कार्य करें और जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें।

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