Chhattisgarh

भारी बारिश में स्कूल जाना हुआ जोखिम का काम : कही पुराने जर्जर भवन,तो कहीं दुर्गम रास्ते तो कही पुल पुलियों में खतरनाक जल भराव देखते हुए शालेय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से किया मांग प्रदेश के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए

भारी बारिश में स्कूल जाना हुआ जोखिम का काम : कही पुराने जर्जर भवन,तो कहीं दुर्गम रास्ते तो कही पुल पुलियों में खतरनाक जल भराव देखते हुए शालेय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से किया मांग प्रदेश के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए

 

? *वीरेंद्र दुबे ने अतिवृष्टि को देखकर बेमेतरा कलेक्टर के 3 दिन अवकाश देने की निर्णय का किया स्वागत पर शिक्षकों को स्कूल आने हेतु बाध्य करने को अनुचित बताकर कहा कि जान का जोखिम सबके लिए बराबर,इसलिए अवकाश में शिक्षक भी किये जायें शामिल*?

 

प्रदेश में सप्ताह भर से हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और मौसम विभाग द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ के लिए दिए जा रहै ऑरेंज एलर्ट को देखते हुए *छग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने प्रदेश में आई बाढ़, जलभराव और बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए स्कूल के संचालन को बड़ा जोखिम बताया है और मुख्यमंत्री तथा शिक्षामंत्री से अनुरोध किया है कि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न हो इसके पूर्व संवेदनशीलता और सावधानी बरतते हुए प्रदेश के स्कूलों में आवश्यकतानुसार कुछ दिनों के लिए अवकाश प्रदान कर देना चाहिए,क्योंकि ग्रामीण व बनांचलो में पुल पुलियों में खतरनाक जलभराव, कच्चे व कीचड़ भरे रास्ते ,व पेड़पौधों से भरी जगहों पर लगातार बिजली गिरने की घटनाये देखने को मिल रही है, कई जर्जर स्कूल भवन, छत,व अहाता गिरने के समाचार आये दिन प्रकाशित हो रहे है कई स्कूलों में पानी भर जा रहा है ऐसे में विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए जान का जोखिम बना हुआ है,अतः अतिवृष्टि के चलते स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए, तथा आदेश में स्पष्ट उल्लेखित होना चाहिए कि खतरे के मद्देनजर स्कूल पूर्णरूपेण अवकाश के दिनों में बंद रहे अर्थात यह सावधानी हेतु अवकाश विद्यार्थी और शिक्षक दोनो के लिये हो क्योंकि प्रत्येक जान की कीमत है।*

 

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा,कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी, सहसचिव सत्येंद्र सिंह व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बेमेतरा कलेक्टर द्वारा अतिवृष्टि को देखते हुए 3 दिनों के अवकाश की घोषणा का स्वागत किया है परंतु शिक्षकों को स्कूल आने हेतु बाध्य करने को दुर्भाग्यजनक बताते हुए कलेक्टर बेमेतरा से मांग किया है कि प्रत्येक जान की एक ही कीमत होती है, दुश्वारियाँ विद्यार्थी और शिक्षक दोनो के लिए बराबर है और प्रदेश में इस मौसम में शिक्षकों दुर्घटनाग्रस्त होने के समाचार भी मिल रहे है ऐसे भी यह अवकाश विद्यार्थी और शिक्षक दोनो पर लागू होना चाहिए।neeraj,harit,

 

 

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