युक्तियुक्तकरण की आड़ में सेटअप बदलने की साजिश : शालेय शिक्षक संघ ने किया मुखर विरोध – पांच कक्षा को पढ़ाने एक शिक्षक और प्रधानपाठक से कैसे आयेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ??
युक्तियुक्तकरण की आड़ में सेटअप बदलने की साजिश : शालेय शिक्षक संघ ने किया मुखर विरोध – पांच कक्षा को पढ़ाने एक शिक्षक और प्रधानपाठक से कैसे आयेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ??
?क्या पिछले पांच साल में शिक्षा विभाग को बेपटरी करने वालों ने ही विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण नियम बनाकर वर्तमान शासन की छवि खराब करने का किया है प्रयास..?मुख्यमंत्री जी लें संज्ञान-वीरेंद्र दुबे*?
*?सरकारी स्कूल के बच्चों से हो रहा दोयम दर्जे का व्यवहार..क्या उनको नही है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने का अधिकार..? युक्तियुक्तकरण के जारी नियमावली से उठ रहे ढेरों सवाल*?
*?सभी संगठन को एकजुट कर किया जायेगा प्रखर विरोध, आवश्यकता पड़ने कोर्ट जाने से नही होगा गुरेज*?
स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा आज प्रदेश के स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए दिशानिर्देश जारी करते ही बवाल मच गया है। शालेय शिक्षक संघ ने इसे सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए विभाग से पूछा है कि क्या इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने का अधिकार नही है..? यदि है तो अधिकारी बतायें कि पांच कक्षा को एक प्रधानपाठक और एक शिक्षक कैसे अध्यापन कार्य कराएंगे ?? ऊपर से नित नए अनुचित प्रयोगों को नवाचार के नाम पर स्कूल में थोपे जाते हैं,जनगणना,अनेकों सर्वे,मध्यानभोजन,ऑनलाइन/ऑफलाइन जानकारियां मांगने जैसे अनेको गैर शैक्षणिक कार्यो से वैसे भी पढाई बाधित होती रही है ऊपर से अब युक्तियुक्तकरण के इस जारी निर्देश में प्राथमिक शालाओं की पांच कक्षा और बालवाड़ी को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक और एक प्रधानपाठक के जिम्मे छोड़ा जा रहा है जो कि अव्यवहारिक और अनुचित है। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने युक्तियुक्तकरण हेतु जारी दिशानिर्देश को प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं की शिक्षा को गर्त में ले जाने वाला बताते हुए कड़ा विरोध किया है, युक्तियुक्तकरण की आड़ में सेटअप बदलने की साजिश की जा रही है। युक्तियुक्तकरण केवल शिक्षक विहीन और एक शिक्षकीय शालाओं में शिक्षक उपलब्ध कराने की सीमा तक किया जाना चाहिए पर इसमे तो प्राथमिक स्कूलों माध्यमिक स्कूलों से शिक्षकों को छीना जा रहा है, पहले प्राथमिक शाला की पांच कक्षा को पढ़ाने एक प्रधानपाठक और 2 शिक्षक का सेटअप था परंतु अब मात्र एक प्रधानपाठक और एक शिक्षक का सेटअप दिया जा रहा जो कि पूर्णतया गलत निर्णय है। मुख्यमंत्री जी को इस मुद्दे पर संज्ञान लेकर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु स्कूलों में कक्षा व विषयानुसार पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराने का आदेश देना चाहिए।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि यह युक्तियुक्तकरण की आड़ में सेट अप बदलने की साज़िश है। प्रधान पाठक सहित केवल दो शिक्षकों का न्यूनतम सेट अप आपत्तिजनक है। शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वालों के जिम्मेदारी में ही है युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया:सरकारी स्कूल के बच्चों से दोयम व्यवहार और प्रताड़ित हो रहे हैं शिक्षक। केवल शिक्षक विहीन और एक शिक्षकीय शालाओं को शिक्षक उपलब्ध कराने की सीमा तक होना चाहिए युक्तियुक्तकरण तथा युक्तियुक्तकरण के पहले हो पदोन्नति: जहां पदोन्नति नहीं वहां,युक्तियुक्तकरण भी नहीं होना चाहिए। ये पूरा मामला लाया जाएगा सी एम के संज्ञान में क्योंकि अधिकारी उनको कर रहे हैं गुमराह ।सभी संगठनों के साथ मिलकर विरोध की बनाई जायेगी रणनीति,और इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। वर्तमान निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण नहीं होने दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण भी ली जायेगी।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी चन्द्रशेखर तिवारी, सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,कैलाश रामटेके,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,द्वारिका भारद्वाज,सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन,अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।