Chhattisgarh

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु 2008 विषयवार सेटप का कड़ाई से पालन हो ,छात्र हित में सिर्फ हाई स्कूल सेटप विज्ञान में- भौतिक रसायन बायो तीनो की नियुक्ति हेतु संसोधन व्याख्याता में हो बाकी यथावत रखकर युक्तियुक्तकरण करें – लालबहादुर साहू ।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु 2008 विषयवार सेटप का कड़ाई से पालन हो ,छात्र हित में सिर्फ हाई स्कूल सेटप विज्ञान में- भौतिक रसायन बायो तीनो की नियुक्ति हेतु संसोधन व्याख्याता में हो बाकी यथावत रखकर युक्तियुक्तकरण करें – लालबहादुर साहू ।

रायपुर :- राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण हेतु शासन द्वारा जारी निर्देश को छात्र व शिक्षक हित मे कई संग़ठन ने अव्यवहारिक व गलत बताया है स्थानांतरित संगठन छत्तीसगढ़ व्याख्याता एल बी एवं समस्त संगठन प्रांत अध्यक्ष श्री लालबहादुर साहू ने बताया कि 2008 से पहले स्कूल में विषयवार शिक्षक की व्यवस्था नहीं थी हायर सेकेंडरी में भौतिकी व गणित के 01 व बायो और रसायन के 01 व्याख्याता रहता था , गणित व्याख्याता भौतिक व गणित और बायो या रसायन वाले व्याख्याता रसायन और बायो दोनों विषय पढ़ाते थे वैसे ही हिंदी वाले कई संस्थानों में संस्कृत पढ़ाते थे यु डी टी हायर सेकेंडरी में पोस्टिंग का नियम था वैसे ही मिडिल में प्रधानपाठक स्नातक – यू डी टी व 12वी सहायक शिक्षक व प्राथमिक में प्रधानपाठक 12वी व सहायक शिक्षक नियुक्ति की जाती थी ।
राज्य की बीजेपी सरकार शिक्षा में नवाचार व उनकी दूरदर्शिता से बेरोजगार युवा वर्ग व छात्र हित मे गुणवत्ता सुधार व कसावट लाने व 2008 से विषय विशेषज्ञ शिक्षक दर्ज संख्या के आधार पर प्राथमिक/माध्यमिक/ हाई/हायर सेकेंडरी स्कूल में – प्राथमिक-योग्यता 12वीं,माध्यमिक- स्नातक शिक्षक व हाई/ हायर सेकेंडरी में व्याख्याता पीजी की नियुक्ति का सेटप लागू किया गया जिससे अधिक पद सृजित होने से बेरोजगार को शिक्षकों में नियुक्ति लाभ के साथ विषय विशेषज्ञ शिक्षक नियुक्ति से गुणवत्ता में सुधार हुआ अधिकतम प्राप्तांक वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि भी हुई 2008 सेटप शिक्षकों व छात्र के लिए वरदान साबित हुए गुणवत्तापूर्ण अध्यापन हेतु विषय विकल्प की व्यवस्था नहीं विषयवार नियुक्ति व विषयवार अध्यापन का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है ।
राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक /माध्यमिक /हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल दर्ज संख्या कम होने के बाद खोले गए जिसका मुख्य कारण छात्र कम से कम स्कूल तो आये व शिक्षक ग्रहण करें प्रत्येक छात्र के लिए यही उद्देश्य था कहने का अर्थ यही है की छात्रा को आसानी से शिक्षा ग्रहण करने स्कूल उपलब्ध हो या विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा अध्यापन से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले विषय का बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर हो 2008 सेटप शिक्षक व छात्र हित दोनों के लिए उचित है प्राथमिक /माध्यमिक /हायर सेकेंडरी स्कूल 2008 सेटप सही व बेहतर है इसमें किसी भी प्रकार से कोई सुधार न करें सुधार की आवश्यकता सिर्फ हाई स्कूल सेटप में है विषय – विज्ञान /गणित (9वी 10वी ) में क्रमशः सिर्फ बायो/गणित पी जी वाले को नियुक्ति लाभ दिया जाता है भौतिक रसायन वाले विज्ञान और गणित दोनों अध्यापन करने की क्षमता होती उन्हें ही हाई स्कूल विषय विज्ञान/गणिता में नियुक्ति का प्रावधान नही है छात्र हित – मे पाठ्यक्रम के अनुसार विषय विज्ञान (9वी 10वी) में -भौतिक रसायन व बायो तीनो की नियुक्ति व पदोन्नति का प्रावधान करे नियुक्ति होने से भौतिक रसायन बायो तीनो का संस्थाओं से अल्टरनेट बेसिक कांसेप्ट क्लियर होगा अभी विज्ञान में सिर्फ बायो वाले की नियुक्ति होने से 11वी पहुंचने से छात्रो का भौतिक रसायन का बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर नही होता साथ ही बायो व गणित व्याख्याता की तरह भौतिक रसायन व्याख्याता को भी हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल विषय दोनों में नियुक्ति पदोन्नति व हायर सेकेंडरी से हाई व हाई से हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थानांतरण का लाभ मिले ,भौतिक रसायन व्याख्याता को विज्ञान/गणित (9वी 10 वी)में नियुक्ति नहीं तो (9वी 10वी) विज्ञान /गणित अध्यापन कार्य की बाध्यता समाप्त करें या जिनको विषय मे नियुक्ति लाभ देते हैं उन्हीं से अध्यापन कराये इस प्रकार के भेदभावपूर्ण गलत नीति को राज्य सरकार तुरंत सुधार करें और न्याय दिलाये ।
संगठन ने छात्र शिक्षक हित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु आग्रह किया है कि कम दर्ज संख्या वाले स्कूल के कारण राज्य सरकार का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है इसलिए राज्य सरकार खर्च को कम करने युक्तियुक्तकरण कर रहे है मर्ज करने से जो शिक्षक अतिरिक्त होंगे उन्हें खाली जगह भेजकर छात्रो को शिक्षक उपलब्ध हो सके इसलिए कम दर्ज संख्या वाले स्कूल अन्य नजदीकी स्कूल में मर्ज कर दर्ज संख्या व विषयवार प्राथमिक/माध्यमिक/हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल 2008 सेटप यथावत रखकर युक्तियुक्तकरण किया तो उचित होगा।

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