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  •  डॉ. संचित अग्रवाल ने नीट पीजी में शानदार सफलता हासिल की, परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल

     डॉ. संचित अग्रवाल ने नीट पीजी में शानदार सफलता हासिल की, परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल

     डॉ. संचित अग्रवाल ने नीट पीजी में शानदार सफलता हासिल की, परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल

    नीरज गुप्ता संपादक
    MO NO- 9340278996,9406168350

    पत्थलगांव के होनहार संचित अग्रवाल ने अपने कड़ी मेहनत और समर्पण से नीट पीजी परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। डॉ. संचित ने ऑल इंडिया रैंक 12344 हासिल करते हुए डीएनबी मेडिसिन की गवर्नमेंट सीट लेह, लद्दाख में प्राप्त की है।

    संचित अग्रवाल पत्रकार जितेंद्र अग्रवाल के पुत्र है उन्हेंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पत्थलगांव के लिटिल रोज स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने पुणे, महाराष्ट्र से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इंटर्नशिप और अलीबाग में 1 साल का गवर्नमेंट बांड पूरा करने के दौरान उन्होंने नीट पीजी की तैयारी भी की। उनकी सफलता में उनकी माता, श्रीमती सुमन अग्रवाल, का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने उनके लिए पढ़ाई का अनुकूल माहौल सुनिश्चित किया।

    डॉ. संचित ने बचपन से ही मेडिसिन विशेषज्ञ बनने का सपना देखा था और पत्थलगांव के प्रसिद्ध डॉक्टर सुथार से प्रेरित होकर उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया। उनकी इस सफलता पर परिवार और पत्थलगांव के नागरिकों के बीच खुशी का माहौल है।नगर के अग्र समाज और नागरिकों ने डॉ. संचित अग्रवाल और उनके परिवार को शुभकामनाएं और बधाई दी हैं। यह सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।

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  • क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन: विभाग संयोजक गुलशन पांडेय ने फीता काटकर किया शुभारंभ

    क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन: विभाग संयोजक गुलशन पांडेय ने फीता काटकर किया शुभारंभ

    क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन: विभाग संयोजक गुलशन पांडेय ने फीता काटकर किया शुभारंभ

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जशपुर की पत्थलगांव इकाई द्वारा आज ठाकुर शोभा सिंह महाविद्यालय में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन सरगुजा विभाग के विभाग संयोजक गुलशन पांडेय ने फीता काटकर किया।

    प्रतियोगिता में कुल 32 टीमों ने भाग लिया है। उद्घाटन समारोह में गुलशन पांडेय ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेल युवाओं को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि टीम वर्क और अनुशासन सिखाने का भी उत्कृष्ट माध्यम हैं। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में खेल भावना को बढ़ावा देते हैं।

    इस अवसर पर संजू बेहरा, भूपेंद्र पांडेय, अमन शर्मा, युवराज शर्मा, विशाल गोपाल, चंदन सिंह, आदित्य मिश्रा, मोंटी साहू, आशुतोष गुप्ता, अनिकेत तिवारी और युवराज साहू जैसे प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।

    प्रतियोगिता में प्रतिभागी खिलाड़ियों और दर्शकों में काफी उत्साह देखा गया। आयोजकों ने इसे सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।

     

  • पत्थलगांव नप चुनाव: अब तक इतने लोगो ने नामांकन फ़ार्म लिए देखिये सूची

    पत्थलगांव नप चुनाव: अब तक इतने लोगो ने नामांकन फ़ार्म लिए देखिये सूची

    पत्थलगांव नगर पंचायत चुनाव: नाम निर्देशन प्रक्रिया जारी, नामांकन की अंतिम तिथि 28 जनवरी

    नीरज गुप्ता संपादक
    MO NO- 9340278996,9406168350

    पत्थलगांव नगर पंचायत चुनाव के लिए नाम निर्देशन प्रक्रिया जोर-शोर से जारी है। नगरीय निकाय चुनाव के तहत नामांकन फार्म 28 जनवरी की दोपहर 3 बजे तक उपलब्ध रहेंगे और इसी दिन फार्म भरने की अंतिम तिथि भी है। नगर पंचायतों के फार्म संबंधित एसडीएम कार्यालय में दिए जा रहे हैं।चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशी एसडीएम कार्यालय पहुंचकर नामांकन फार्म खरीद रहे हैं। पत्थलगांव नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन फार्म की कीमत 5000 रुपये और वार्ड पार्षद पद के लिए 1000 रुपये निर्धारित की गई है।

    भाजपा 

    भाजपा ने वार्ड क्रमांक 06 से संजय निकुंज को पार्षद उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इसी वार्ड से भाजपा के  हीरालाल टोप्पो ने  नामांकन फार्म लिया है। संजय निकुंज के पार्षद न बनने की एक वजह यह भी हो सकती है की उनकी पत्नी सलमी निकुंज अध्यक्ष पद की दौड़ में थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया।वहीं, वार्ड क्रमांक 04 और 10 से सुनीता अजय बंसल ने भाजपा से फार्म लिया है। उनके पति अजय अग्रवाल को भाजप ने  वार्ड क्रमांक 04 से उम्मीदवार बनाया है अजय अग्रवाल ने भी वार्ड क्रमांक 04 से भाजपा से फार्म लिया है।

    कांग्रेस 

    कांग्रेस ने वार्ड क्रमांक 05 से लक्ष्मी बड़ा उरांव समाज के युवक को सामान्य वार्ड से उम्मीदवार बनाया है। नगर पंचायत चुनाव को लेकर दोनों ही दलों और प्रत्याशियों में काफी उत्साह और प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। कांग्रेस से अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रही मेरी तिर्की ने निर्दलीय फार्म लिया है।

    देखिये सूची

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  • Kota-Updete:- बुनियादी-मुद्दों को लेकर होगा मौजूदा चुनाव या फिर मसल-मनीपावर ही चुनावी मुद्दा-होगा।-

    Kota-Updete:- बुनियादी-मुद्दों को लेकर होगा मौजूदा चुनाव या फिर मसल-मनीपावर ही चुनावी मुद्दा-होगा।-

    *Kota-Updete:- बुनियादी-मुद्दों को लेकर होगा मौजूदा चुनाव या फिर मसल-मनीपावर ही चुनावी मुद्दा-होगा।-*

    *चुनाव के बीच कोयले का गर्दा उड़ाने की तैयारी…?आखिर अचानक से कोयले और कोयले वाले की चर्चा क्यों होने लगी..?*

    *क्रमशः——- ✒️

    *दिनांक:-27/01/2025

    *मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।।

    neeraj,harit,

    *करगीरोड-कोटा:- नगर-पंचायत चुनाव 2025:–नगर पंचायत चुनाव क्या वाकई इस बार बुनियादी मुद्दों को लेकर होगा या फिर कोटा नगर में राशन कार्ड/बिजली/पानी/राशन/सड़क/शिक्षा/स्वास्थ/आवास/स्कूल/पेंशन/सफाई/जैसे बुनियादी मुद्दे है..ही नहीं..? तो फिर मुद्दा है..क्या..? मुद्दा क्या होगा..?या फिर कोटा नगर के सत्ताधारी दल व विपक्षी दलों के मसल मनी-पावर के बाहुबली नेता परदे के पीछे मुद्दे तय करेंगे..?*

    *हरितछत्तीसगढ को विश्वस्त-सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा नगर पंचायत चुनाव में एक बार फिर से पूर्व चुनाव की भांति कोयले का गर्दा उड़ाने की तैयारी की जा रही है..?चुनाव के बीच नगर में इस बात की अचानक से चर्चा क्यों होने लगी..?क्या मौजूदा नगर पंचायत का पूरा चुनाव कोयले या कोयले वाले के इर्दगिर्द होगा..?इस चुनाव में कोयले या फिर कोयले वाले की क्या कोई महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है..?या फिर इस बार का पूरा नगर पंचायत चुनाव कोयले व कोयले वाले के लिए ही होगा..?हरित छत्तीसगढ के अंदरूनी सूत्र तो यही इशारा कर रहे है…?

    *क्रमशः———✒️*neeraj,harit,

  • Kota-Updete:-नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव बीजेपी-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित किए 28 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि।-

    Kota-Updete:-नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव बीजेपी-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित किए 28 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि।-

    *Kota-Updete:-नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव बीजेपी-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित किए 28 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि।-

     

    *अब तक कांग्रेस- बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला निर्दलीय-उम्मीदवार को देखने आंखे तरस रही कोटा की जनता-जनार्दन को।*

     

    *महिला-निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आने से नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव हो सकता है..और भी दिलचस्प।*

     

    *क्रमश:—–*

     

     

    *दिनांक:-27/01/2025*

     

    *मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।*

     

     

    *करगीरोड कोटा:-नगर पंचायत चुनाव 2025:– बीजेपी ने श्रीमती सरोज दुर्गेश साहू को नगर पंचायत कोटा में अपने सेनापति के रूप में उतार दिया..साथ ही 15 वार्डो में अपने रणबांकुरे भी मैदान में उतार दिए..वही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने श्रीमती मीनू प्रकाश जयसवाल को अपने मैदान में उतारा..वही वार्ड पार्षदों के नाम तय तो हो गए है, पर आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।*

    *जिस हिसाब से वार्ड पार्षदों के नाम में कांग्रेस पार्टी द्वारा देरी की जा रही है..ऐसा लगता है, की कांग्रेस बीजेपी को कुछ वार्डो में वाकओवर देने के मूड में है..?नामो के ऐलान में हो रही देरी से कांग्रेस के भावी उम्मीदवार ऊहापोह की स्थिति में दिखाई दे रहे है..?मंगलवार 28 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है..केवल आज का समय ही बाकी है।*

    *बीजेपी के नगर पंचायत अध्यक्ष पद के मुकाबले कांग्रेस से उम्मीदवार मैदान में आ चुकी है, कौन किस पर भारी पड़ेगा ये तो मतदान से पहले पहले तस्वीर साफ होगी..?इस बार कोटा नगर पंचायत चुनाव में अब तक सीधा मुकाबला कांग्रेस बीजेपी के बीच ही दिखाई पड़ रहा है, तीसरी शक्ति के रूप में दिखाई देने वाली जोगी कांग्रेस का बीजेपी में विलय हो चुका है..वही आम आदमी पार्टी व उसके उम्मीदवार दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ रहे है..?वैसे कोटा नगर पंचायत का इतिहास देखा जाए तो कोटा में बीजेपी कांग्रेस को निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनौती देते हुए आए हैं, खासकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हो चुके पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अरुण त्रिवेदी पर मौजूदा समय में ऐसा कोई जनाधार दमदार उम्मीदवार दिखाई नहीं पड़ रहा है..?इस बार कोटा नगर की जनता जनार्दन की आंखे निर्दलीय उम्मीदवारो को देखने को तरस जाएगी वैसे कोटा नगर पंचायत के कुछ बुद्धिजीवी-जागरूक जनता जनार्दन की माने तो साफ सुथरा जुझारू-सशक्त निर्दलीय-उम्मीदवार के रूप में अगर कोई नाम सामने आता है..तो नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव काफी दिलचस्प हो सकता है..?कोटा नगर की अधिकांश जनता जनार्दन दोनों दलों के उम्मीदवार को देख चुकी हैं..परख चुकी है।*

     

    *क्रमश:——*neeraj,harit,

  • मतदान स्थल की जगह ब्लाक अथवा तहसील मुख्यालयों में हो पंच और सरपंच चुनाव के वोटो की गिनती – “छग संयुक्त कर्मचारी मोर्चा”

    मतदान स्थल की जगह ब्लाक अथवा तहसील मुख्यालयों में हो पंच और सरपंच चुनाव के वोटो की गिनती – “छग संयुक्त कर्मचारी मोर्चा”

    मतदान स्थल की जगह ब्लाक अथवा तहसील मुख्यालयों में हो पंच और सरपंच चुनाव के वोटो की गिनती – “छग संयुक्त कर्मचारी मोर्चा”

    रायपुर //-

    विगत वर्षों एवं पिछले पंचायत चुनावो में यह देखने को मिला है कि मतगणना स्थल पर अर्थात गांवों में मतदान कर्मियों एवं प्रत्याशियों के बीच लड़ाई एवं झड़प हो जाती है।

    क्योंकि पंचायत निर्वाचन में अधिकांशत: मतदान केंद्रों में ही मतदान संपन्न होने के बाद पंच सरपंच के मतों की गणना की जाती है। जिससे स्थिति काफी विवादास्पद हो जाता है। कभी-कभी यह देखा जाता है कि हारे हुए प्रत्याशी के द्वारा मतदान कर्मियों पर पक्षपात एवं भेदभाव तथा मतों की गिनती में हेरा फेरी और लापरवाही का आरोप लगाकर मतदान कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट भी की जाती है।

    ऐसे में स्थिति बहुत ही खतरनाक हो जाती है। उक्त बातों को ध्यान में रखते हुए छग संयुक्त कर्मचारी मोर्चा एवं छग प्रधान पाठक मंच ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह मांग किया है कि मतदान केदो में सिर्फ मतदान संपन्न किया जाए।

    तथा मतों की गिनती मतदान केंद्रों के बजाय मतदान के दो से तीन दिनों बाद अलग से तहसील अथवा जनपद मुख्यालयों में किया जाए। जिससे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।

    “छग संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” एवं “छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच” के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परस राम निषाद, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण उज्जवल चंद्रा, अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज….

    …… ईशा नायक, राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर, नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह सहित समस्त पदाधिकारियों ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र प्रेषित कर मांग किया है कि आगामी होने वाले पंचायत चुनाव में वोटों की गिनती मतदान स्थल में न करके ब्लाक मुख्यालयों में किया जाए।neeraj,harit,

  • उप मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति और अमर वाटिका में शहीदों को दी श्रद्धांजलि

    उप मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति और अमर वाटिका में शहीदों को दी श्रद्धांजलि

    रायपुर,

    उप मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति और अमर वाटिका में शहीदों को दी श्रद्धांजलि 

    उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर स्थित शहीद स्मारक अमर जवान ज्योति में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात् उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने आमागुड़ा स्थित अमर वाटिका में शहीद स्मारक में जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शहीदों के नामपट्टिका के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। इस अवसर पर कमिश्नर श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पी, कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

  • बस्तर संभाग के 26 गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा

    बस्तर संभाग के 26 गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा

    नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता से बदली तस्वीर

    रायपुर,

    नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता से बदली तस्वीरनक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता से बदली तस्वीरनक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता से बदली तस्वीरनक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता से बदली तस्वीर

    छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन इस बार इतिहास में खास दर्ज हुआ। वह गांव, जो कभी नक्सलियों के खौफ और आतंक के साए में जीने को मजबूर थे, अब शांति और विकास की नई राह पर चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान की जबरदस्त सफलता के चलते गांवों में सुरक्षा और विश्वास का नया माहौल बनने से इस बार 26 गांवों में पहली बार ग्रामीणों ने तिरंगा फहराया और पूरे उत्साह से गणतंत्र दिवस मनाया।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान ने बस्तर संभाग में सुरक्षा और विकास की नई कहानी लिखी है। इस अभियान के अंतर्गत बस्तर के अंदरूनी और सुदूर इलाकों में सुरक्षा केंद्र स्थापित कर शांति बहाल की गई है। इन गांवों में कभी नक्सलियों का प्रभाव इतना गहरा था कि लोग राष्ट्रीय पर्व तो दूर, सामान्य जीवन भी भय के साए में जीने को मजबूर थे। अब, नक्सल उन्मूलनअभियान के प्रयासों से वहां न केवल शांति स्थापित हुई है, बल्कि स्थानीय लोगों में एक नई उम्मीद जगी है।

    गौरतलब है कि बीते एक वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 26 नए सुरक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन सुरक्षा केंद्रों ने न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि इन क्षेत्रों को विकास केंद्र का स्वरूप दिया है। बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और कांकेर जिलों के इन गांवों में ग्रामीणों ने पहली बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पूरे उत्साह से इस पर्व में भाग लिया।

    गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन सुरक्षा केंद्रों पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान गणतंत्र दिवस के महत्व पर चर्चा की गई और लोगों को मिठाइयां, बच्चों को चॉकलेट और अन्य सामग्री वितरित की गई।

    गौरतलब है कि बीजापुर जिले में गुंडम, फुटकेल, छुटवाही, कोंडापल्ली, ज़िडपल्ली, वाटेवागु, कर्रेगट्टा, पीड़िया, नारायणपुर जिले में कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहंदी, होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोड़लियार, सुकमा जिले में टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, लखापाल, पूलनपाड़, तुमालपाड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा, मेंट्टागुड़ा तथा कांकेर जिले में पानीडोबीर सुरक्षा कैंप बीते एक सालों में स्थापित किए गए हैं।

    पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज श्री सुंदरराज पी. ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों के सामूहिक प्रयासों से बस्तर संभाग में शांति और लोकतंत्र की बहाली हुई है। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत स्थापित सुरक्षा केंद्रों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को शांति और विकास की राह पर लाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

    जगदलपुर के लालबाग परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह में उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता और बस्तर संभाग में सुरक्षा एवं विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

  • श्री विष्णु देव साय, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ का गणतंत्र दिवस संदेश -सरगुजा, 26 जनवरी 2025

    श्री विष्णु देव साय, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ का गणतंत्र दिवस संदेश -सरगुजा, 26 जनवरी 2025

    प्यारे प्रदेशवासियों,
    76 वें गणतंत्र दिवस की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

    आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है। आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं। इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया। उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे। नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें  और समाज में शांति स्थापित हो सके। इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं।
    भारत की आजादी की यात्रा के साथ ही दुनिया के अनेक देशों ने भी अपनी स्वतंत्रता की यात्रा प्रारंभ की, लेकिन इनमें से कई देशों में शासन व्यवस्था पटरी से उतर गई और वहां की जनता आज अराजकता का सामना करने मजबूर है। गणतांत्रिक परंपराओं की अपनी ऐतिहासिक जड़ों और अपने श्रेष्ठ संविधान के बूते लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत अविचल खड़ा ही नहीं है अपितु निरंतर तरक्की के नये शिखरों को छू रहा है।
    भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है। यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है। इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है। हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश,  शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे। इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था।
    इस गणतंत्र की धरोहर को सुरक्षित रखने और सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी हमारी और भावी पीढ़ी के हाथों में है। हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है। मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अंततः विजय सत्य की ही होती है। हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है।
    इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे। हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है । इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए। हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया। इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे। एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रौशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है।
    जब केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग माँ उनके पास आई, माता जी ने उन्हें वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए। जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती। बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा।
    आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है। इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है। अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ। आधार कार्ड बने और आयुष्मान कार्ड भी बन गये। बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है। हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया। पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे। आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे। खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया।
    किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, तो औने-पौने में धान बेचकर आना पड़ता था। बहुत मुश्किल से परिवार चलता था। खरीफ के बाद उनके पास दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तो धान खरीदी की व्यवस्था भी आरंभ हुई। धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई। यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया।
    मुझे याद आता है कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई। पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया। यह इसलिए हुआ कि हमारी सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है। हमने किसान भाइयों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा। किसानों से किये वायदे के अनुरूप हमने 13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया। इन सबके चलते पिछले सत्र में हमने किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये। लगभग ढाई माह से राज्य में तेजी से धान खरीदी चल रही है। किसानों के खाते में हम लगातार समर्थन मूल्य की राशि दे रहे हैं। प्रति क्विंटल अंतर की राशि 800 रुपए हमारी सरकार के द्वारा आदान सहायता के रूप में एकमुश्त फरवरी माह में किसान भाइयों के खाते में भेजने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया है। इसके अंतर्गत हम 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपए सालाना प्रदान कर रहे हैं।  यह शुभ संकल्पों और अच्छी नीयत का प्रतिफल है। छत्तीसगढ़ के किसान आज बेहद खुशहाल हैं। पलायन रूका है और किसान, खेती में निवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें खेती से अच्छी आय मिल रही है।
    डबल इंजन की सरकार किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के साथ ही खेती को हाइटेक करने का कार्य भी कर रही है। अब खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन दीदी के हाथों हो रहा है। घंटों का काम ड्रोन दीदी का ड्रोन मिनटों में कर देता है। आपने इधर के वर्षों में देखा होगा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। कभी मानसून विलंब से आता है, तो कभी असमय बारिश हो जाती है। इस बड़े संकट से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी भी हमने की है। हमने ऐसे बीज तैयार किये हैं, जो क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने में सक्षम हैं। एफपीओ के माध्यम से किसानों के लिए नए उद्यम के रास्ते हमने खोल दिये हैं।
    हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा कहते हैं, कि हमें किसानों की आय दोगुनी करनी है, तो पशुपालन को बढ़ावा देना होगा। हम सबने सहकारिता में अमूल का प्रयोग देखा है। भारत ने एनडीडीबी अर्थात नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से अमूल के रूप में श्वेत क्रांति की। छत्तीसगढ़ में भी श्वेत क्रांति की राह हमने खोल दी है। बीते महीने हमने एनडीडीबी के साथ एमओयू किया है।
    इस एमओयू के माध्यम से छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ से जुड़ी समितियों को तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के लिए 621 सहकारी समितियां काम कर रही हैं। अब 3200 नई सहकारी समितियां बनेंगी। इस एमओयू के पश्चात, सवा लाख से अधिक किसान दूध उत्पादक समितियों से तो जुड़ेंगे ही, इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि हमारे बच्चों के भोजन में, दूध के रूप में प्रोटीन अधिक मात्रा में शामिल होगा। हमारी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों के अनुरूप नागरिकों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
    हमारी धरती रत्नगर्भा है। खनिज संपदा के मामले में छत्तीसगढ़ अतुलनीय है। कोयले और लोहे के उत्पादन में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं। देश के बाक्साइट भंडार का 20 फीसदी हमारे यहां है। सारी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है।
    इन खनिज संसाधनों का दोहन राज्य के आर्थिक विकास के लिए हो, इस जरूरत को पूरा करने हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है। आज छत्तीसगढ़ में कहीं भी चले जाइये, शानदार चौड़ी सड़कें, फ्लाईओवर से आपका स्वागत होगा। रांची, हैदराबाद और विशाखापट्नम जैसे शहरों से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा तो यह कनेक्टिविटी अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार ने हमारे राज्य में सड़क अधोसंरचना को बेहतर करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कार्यों की घोषणा भी की है। बिजली उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ सरप्लस स्टेट है। ये सारी बातें छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को बेहद आकर्षक बनाती हैं।
    इतने बेहतर वातावरण में यदि निवेश के इच्छुक उद्यमियों को अनुदान सहित अनेक सुविधाएं मिले, तो उनके लिए यह सोने पर सुहागा है। हमारी नई उद्योग नीति ने यही कार्य किया है। इज आफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत जरूरी सुधार किये गये हैं। सिंगल विंडो 2.0 से एनओसी की दिक्कत बिल्कुल दूर हो गई है। हमारा फोकस यह है, कि स्थानीय लोगों को अधिकतम संख्या में रोजगार मिल सके। एक हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमों के लिए हम विशेष अनुदान दे रहे हैं।
    नई औद्योगिक नीति में हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन दें, जिनके लिए छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं के अनुरूप आगे बढ़ने की भरपूर संभावनाएं हों। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली टेक्नालाजी अर्थात ग्रीन उद्यमों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं। नई उद्योग नीति में हमने इसके लिए निवेश प्रोत्साहन पैकेज रखा है। छत्तीसगढ़ में उद्यमी अब ग्रीन स्टील की ओर फोकस कर रहे हैं। नई उद्योग नीति से इसके लिए बेहतर वातावरण बन रहा है। इस बात का अनुमान है, कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके चलते पांच लाख नये रोजगार सृजित होंगे। हम अटल नगर, नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में तैयार कर रहे हैं और तेजी से आईटी कंपनियां यहां निवेश के लिए सामने आ रही हैं। यहां पर हम 14 एकड़ में एआई डाटा सेंटर भी बना रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा। राज्य के युवाओं को वित्तीय बाजारों के लिए प्रशिक्षित करने और इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने शासन द्वारा नेशनल स्टाक एक्सचेंज के साथ छात्र स्किलिंग प्रोग्राम के लिए एमओयू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रशिक्षण हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी और कालेज के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा।
    नई उद्योग नीति में हमने छत्तीसगढ़ की पर्यटन संभावनाओं का भी पूरा ध्यान रखा है। हमारे यहां एशिया का नियाग्रा कहा जाने वाला चित्रकोट जलप्रपात है। कांगेर घाटी में कोटमसर जैसी विलक्षण गुफाएं हैं। यहां धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में चुना है। सरगुजा में रामगढ़ की पहाड़ियां हैं, जहां के विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर महाकवि कालिदास के मन में अपने महान खंडकाव्य मेघदूतं को लिखने का विचार आया। जशपुर में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव हैं। देश के पर्यटन नक्शे में गुरु घासीदास तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व भी आ गया है। हमारी सरकार ने देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाकर न केवल बाघों के संरक्षण के लिए कार्य किया है अपितु इससे इको टूरिज्म की संभावनाओं में भी कई गुना वृद्धि कर दी है।
    अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं। वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है। अभी हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 684 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है जो देश में सबसे ज्यादा रही है।
    हमारे प्रदेश की जनजातीय संस्कृति भी विलक्षण है। यहां पर्यटन की अधोसंरचना उपलब्ध कराने हमने होम-स्टे की सुविधा देने वाले उद्यमियों को विशेष अनुदान देने का निर्णय लिया है। कुछ महीनों पहले अंबिकापुर में माँ महामाया एयरपोर्ट का शुभारंभ किया गया। जगदलपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट अब विमानन मानचित्र में आ गये हैं। एयर कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होने से पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां आकर्षित होंगे। रायपुर-बिलासपुर-अंबिकापुर विमान सेवा आरंभ होने से स्थानीय पर्यटकों को भी काफी सुविधा मिल रही है। पर्यटन अधोसंरचना का सीधा लाभ, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ने के रूप में होगा।
    भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है। पीएससी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की जांच का कार्य हमने सीबीआई को सौंपा है और सीबीआई इस मामले में पुख्ता कार्रवाई कर रही है। हमने पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता लाने इसे यूपीएससी की तर्ज पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से युवाओं का भरोसा पीएससी की परीक्षा में लौट आया है। हमने यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली में ट्राइबल यूथ हास्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी है। हम रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 अन्य नगरीय निकायों में ऐसी ही लाइब्रेरी बनवा रहे हैं। शासकीय सेवा के 9 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
    हमारी सरकार ने एक साल पूरे कर लिये हैं। इस अवधि में हमने अपने अधिकांश वायदों को पूरा कर दिया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। इन पर तेजी से काम हो रहा है। अपना घर जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है। राज्य के लिए नये वित्तीय वर्ष हेतु तीन लाख अतिरिक्त पीएम आवास की स्वीकृति भी मिली है, इसके लिए मार्च तक सर्वे हो जाएगा। अब उन लोगों को भी पीएम आवास मिल सकेगा, जिसके पास टू व्हीलर है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिसने पास ढाई एकड़ तक सिंचित जमीन और पांच एकड़ तक असिंचित जमीन है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिनकी आय 15 हजार रूपए महीना तक है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 1 लाख 32 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने राज्यांश का भी हमने अनुमोदन कर दिया है।
    हमें इस बात का संतोष है कि हम लाखों लोगों के गृह प्रवेश का माध्यम बन सके हैं। हमारी सरकार ने जरूरतमंद 68 लाख परिवारों को पांच साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय भी लिया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए संग्रहण दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर हमने साढ़े 5 हजार रुपए कर दिया है।
    छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने में, बड़ी भूमिका हमारी मातृशक्ति की है। वे हर दिन कड़ी मेहनत कर, विकसित छत्तीसगढ़ की नींव रख रही हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना हमारा संकल्प है। इसके लिए हमने सरकार गठन के तीन महीने के भीतर ही महतारी वंदन योजना का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया। करीब 70 लाख माताओं-बहनों को अब तक हम इस योजना की ग्यारह किश्त दे चुके हैं। हर माह की पहली तारीख को हम महतारी वंदन योजना के रूप में माताओं-बहनों के लिए खुशियों का रिचार्ज कर देते हैं। यह राशि उनके बजट को व्यवस्थित करने में, अपने सपनों को पूरा करने में मदद करती है। यह महिलाओं की अपनी निधि है, वे इसे अपनी इच्छा से खर्च कर रही हैं। कोई बहन इसे बच्चों की पढ़ाई में लगा रही है, कोई निवेश कर रही है। कोई मां अपनी हवाई यात्रा का सपना पूरा कर रही है। सारंगढ़ के ग्राम दानसरा की माताएं-बहनें अयोध्या धाम में श्रीरामलला का मंदिर बनने से अभिभूत थीं। वे श्रीराम का मंदिर अपने गांव में बनाना चाहती थीं। सभी महिलाएं एकजुट हुईं। महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि और चंदा इकट्ठा करके प्रभु श्रीराम का मंदिर बनवा रही हैं। हम महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी-टू-ईट फूड का काम सौंप रहे हैं। पहले चरण में पांच जिलों से इस काम की शुरूआत करेंगे।
    प्राचीन काल में हमारा देश विश्वगुरु था। इसका कारण, हमारी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी। यह प्रणाली ज्ञान-विज्ञान के साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों की भी शिक्षा विद्यार्थियों को देती थी। अंग्रेज जब भारत आये, तो उन्होंने महसूस किया कि भारत में राज करने के लिए बहुत जरूरी है, कि भारतीयों में हीनता की भावना भर दी जाए। उन्होंने प्राचीन पद्धति समाप्त कर, मैकाले द्वारा लाई गई अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली लागू की। इसके चलते हमारे मनीषियों द्वारा लिखे श्रेष्ठ ग्रंथों की स्मृति भी जनमानस में धुंधली होती गई।
    मोदी जी ने आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ ही हमारी सांस्कृतिक उपलब्धियों और गौरवशाली परंपरा को शामिल करने वाली नई शिक्षा प्रणाली हमें दी है। छत्तीसगढ़ में हमने इसे लागू किया है। हम 18 स्थानीय भाषाओं में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। 341 पीएमश्री विद्यालय हमने आरंभ किये हैं। हम बच्चों को एआई और रोबोटिक्स की शिक्षा भी दे रहे हैं। हम यह मानते हैं, कि बच्चों की शिक्षा को बेहतर दिशा देने में जितनी जिम्मेदारी शिक्षकों की है, उतनी ही अभिभावकों की भी है। इसके लिए हमने पैरेण्ट्स-टीचर मीटिंग का एजेंडा भी व्यवस्थित किया है। अपने जन्मदिन को स्कूलों में बच्चों के साथ न्योता भोज के रूप में भी मनाने की परंपरा हमने आरंभ की है। पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के चलते बच्चों का शैक्षणिक स्तर गिरा था। इसे दुरुस्त करने, हमने पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं पुनः आरंभ करने का निर्णय लिया  है।
    हमारी भारतीय परंपरा में आशीर्वाद देने पर लंबी आयु की कामना करते हुए आयुष्मान भवः कहा जाता है। लोगों की दीर्घायु और उनके अच्छे स्वास्थ्य से जुड़े सरोकार, हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना अंतर्गत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है। जो समाज अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करता है, वही समाज फलता-फूलता भी है। मोदी जी ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को सम्मिलित किया है। इन्हें अब पांच लाख रुपए तक के इलाज का लाभ मिल रहा है।
    हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो। इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है। यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा।  अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं। इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा।
    बिलासपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से सिम्स के विस्तार का कार्य शुरू कर दिया गया है। राजधानी रायपुर के अंबेडकर हास्पिटल में भी 700 बिस्तर अस्पताल के विस्तार के लिए हमने 231 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया है। इसके पूरे होने के साथ ही अंबेडकर हास्पिटल में 2 हजार बेड की सुविधा हो जाएगी। प्रदेश में मेडिकल शिक्षा को विकसित करने के लिए चार नये मेडिकल कालेज जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और गीदम में भवनों के लिए 1020 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
    आपको याद होगा कि पहले पीएमटी की परीक्षाओं में एक पेपर अंग्रेजी का होता था। हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि और हिंदी माध्यम के अनेक प्रतिभाशाली परीक्षार्थी कई बार इस वजह से भी पीएमटी क्लीयर नहीं कर पाते थे। बाद में इसे हटा दिया गया लेकिन आगे मेडिकल की पढ़ाई में अंग्रेजी की समस्या कायम रही। हमने मेडिकल छात्र-छात्राओं को हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की राह में अब कोई रूकावट शेष नहीं रही।
    हमारा प्रदेश इस वर्ष अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। संयोग से यह वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का  जन्म शताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं। श्रद्धेय अटल जी द्वारा दिखाये गये सुशासन के मूलमंत्र पर चलते हुए, हमने पारदर्शी, सजग और लोककल्याणकारी प्रशासनिक तंत्र तैयार किया है, जिसके बूते हम विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं।
    छत्तीसगढ़ ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग के रूप में सुशासन को कार्यान्वित करने देश में अनूठी पहल की है। छत्तीसगढ़ में लाल फीताशाही की रोकथाम के लिए हम ई-आफिस प्रणाली अपना रहे हैं। इसमें फाइलों का निपटारा आनलाइन होगा। तय समय-सीमा में अधिकारी को ई-फाइल पर अपनी टिप्पणी देनी होगी। इस प्रणाली के चलते समय-सीमा पर भ्रष्टाचार की आशंका के बगैर फाइलों का कुशलता से निपटारा हो सकेगा।
    यह समय स्मार्ट फोन का है। हमने शासकीय सेवाओं की डिलीवरी को आसान करने के लिए मोबाइल फोन में नागरिक सुविधाओं से संबंधित बहुत से एप आरंभ किये हैं। मंत्रालय में किसी से मिलना हो, तो स्वागतम एप में एक क्लिक करें और समय लें, रजिस्ट्री करानी हो, तो सुगम एप में क्लिक करें और बसों का लोकेशन जानना हो, तो संगवारी एप देख लें। नागरिक सेवाओं की उपलब्धता डिजिटल गवर्नेंस के चलते काफी आसान हो गई है।
    शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए हमने अटल मानिटरिंग पोर्टल आरंभ किया है। इससे न केवल महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी जानकारी मिलती है अपितु इसे बेहतर करने के लिए आवश्यक दिशा भी मिलती है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस पर न केवल भरोसा करती है अपितु  इसे क्रियान्वित भी करती है। खनिज में हमने मैनुअल पास को समाप्त कर आनलाइन ट्रांजिट पास आरंभ कर दिये हैं। शासकीय खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए, हमने जेम पोर्टल को अनिवार्य कर दिया है। भारत सरकार, राज्यों को बेहतर काम के लिए इंसेटिव देती है। हमने जो सुधार छत्तीसगढ़ में किये, उसके चलते केंद्र सरकार ने इंसेटिव के रूप में राज्य को 4400 करोड़ रुपए दिये हैं, जिन्हें हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेंगे।
    अपने भांचा भगवान  श्रीराम के आशीर्वाद से यह सब शुभ कार्य हम कर पाए हैं। ननिहाल के लोगों को अपने भांजे का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहे, भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन, उनके भीतर शुभ संकल्पों के बीज बोता रहे, इसके लिए हमने पुण्य अयोध्या धाम के दर्शन के लिए श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना आरंभ की  है। अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु, इस योजना के माध्यम से श्री रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
    हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक संपदा समृद्ध है। जनजातीय संस्कृति की थाती संभालने वाले हमारे बैगा, गुनिया, सिरहा को हम लोग हर साल पांच-पांच हजार रुपए की सम्मान निधि दे रहे हैं। जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण विकास योजना, हमने आरंभ की है। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले हमारे जनजातीय सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाएं, उनके गांवों में लगाने का निर्णय लिया है। राजिम कुंभ का सुंदर आयोजन हमने पुनः आरंभ कराया है। देश भर से साधु संतों का समागम राजिम के त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का सुखद संयोग बना है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सुविधा देने हमने साढ़े 4 एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन तैयार किया है। यहां प्रदेश के श्रद्धालुओं के ठहरने और खान-पान की सुविधा हमने उपलब्ध कराई है।
    गांधी जी कहते थे कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है, कि हम वर्तमान में क्या करते हैं। मुझे इस बात की खुशी है, कि इस वर्ष जब हम छत्तीसगढ़ के स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं तब हमने विकसित छत्तीसगढ़ की यात्रा का रोडमैप तैयार कर लिया है। वर्ष 2047 में जब आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तब विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का भव्य स्वरूप हम सभी के सामने होगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है।
    हमारी सरकार ऐसी सरकार है, जिसने एक साल पूरे होने पर प्रदेश की जनता के समक्ष अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है।
    हमारे पास शुभ संकल्प है। सच्चाई है। ईमानदारी है और पुरखों की परंपरा से आई शक्ति है। हम आप सभी के सहयोग से आगे बढ़ेंगे और हर बाधा को पार कर एक उज्ज्वल सशक्त विकसित छत्तीसगढ़ के अपने सपने को मूर्त रूप देंगे। अथर्ववेद का मंत्र है कृतं मे दक्षिणे हस्ते जयो मे सव्य आहितः। कार्य का शुभ संकल्प मन में हो तो सफलता जरूर मिलती है।
    गणतंत्र पर्व की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
    जय भारत, जय छत्तीसगढ़

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    राज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं

    रायपुर,

    राज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएंराज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएंराज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएंराज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएंराज्यपाल श्री डेका ने गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं

    गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज शाम यहां राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सभी अतिथियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंटकर गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद रायपुर श्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी राज्यपाल श्री डेका को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। समारोह में जनप्रतिनिधिगण, पद्मश्री पुरस्कृत, राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, सेना एवं पुलिस के अधिकारी, राष्ट्रपति पदक से अलंकृत पुलिस अधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चे, राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी, गणमान्य नागरिक एवं मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे। राज्यपाल श्री डेका को सभी ने गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।

    समारोह में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, पूर्व मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, श्री अमितेष शुक्ला, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव द्वय श्रीमती रेणु जी पिल्ले व श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा, राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री अजय सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वय श्री वी. श्रीनिवास राव, श्री सुधीर अग्रवाल, पूर्व विशेष पुलिस महानिदेशक श्री संजय पिल्ले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा, सचिव श्रीमती शहला निगार, सूचना आयुक्त श्री एन.के. शुक्ला, छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसायटी के सीईओ श्री एम. के. राउत, राज्यपाल के सचिव श्री यशवंत कुमार, रेडक्रॉस के चेयरमेन श्री अशोक अग्रवाल, पी.एस.सी की कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री रीता सांडिल्य, पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री राजीव श्रीवास्तव, डॉ. रमेंद्रनाथ मिश्रा, विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे। साथ ही समारोह में पद्मश्री पुरस्कृत सर्वश्री डॉ. भारती बंधु, श्री मदन चौहान, श्रीमती शमशाद बेगम, श्रीमती उषा बारले, शहीदों के परिजन, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बहनें सहित गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

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