छठ पूजा पर्व पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने कई जगहों पर की पूजा अर्चना, भैरव कुंड धाम, जाताकोना और दुलदुला में हुआ आयोजन..……
छठ पूजा पर्व पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने कई जगहों पर की पूजा अर्चना, भैरव कुंड धाम, जाताकोना और दुलदुला में हुआ आयोजन..……
जशपुरनगर।जिले में छठ पूजा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने गुरुवार को विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने छठ पूजा के अवसर पर भैरव कुंड धाम, जाताकोना और दुलदुला जैसे प्रमुख स्थलों पर पहुंचकर आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा की।इस मौके पर बजरंग दल के जिला संयोजक विजय आदित्य सिंह जूदेव भी मौजूद रहे।
भैरव कुंड धाम में श्रद्धा और भक्ति का दृश्य
श्रीमती कौशल्या साय भैरव कुंड धाम पहुंची, जहां उन्होंने भगवान सूर्य और छठी मइया की पूजा अर्चना की। यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे, जिन्होंने दिनभर उपवासी रहकर संतान सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। श्रीमती साय ने श्रद्धालुओं से आशीर्वाद लिया और उनके लिए सुख-शांति की कामना की।
जाताकोना में आयोजित हुआ सामूहिक पूजन
इसके बाद श्रीमती कौशल्या साय जाताकोना गांव में आयोजित सामूहिक छठ पूजा में भी शामिल हुईं। इस अवसर पर गांव के ग्रामीणों और पूजा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने पारंपरिक विधि से पूजा की। श्रीमती साय ने यहां पूजा विधि का पालन करते हुए सूर्य देवता से प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना की।
दुलदुला में छठ पूजा की विशेष महिमा
इसके बाद उन्होंने दुलदुला में आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में भी भाग लिया। यह जगह विशेष रूप से छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहती है, और इस साल भी यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। श्रीमती साय ने पूजा अर्चना के दौरान गांववासियों से मिलकर उनके सुख-समृद्धि की कामना की।
स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति
इन सभी आयोजनों में स्थानीय ग्रामीणों की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने पूजा के दौरान पारंपरिक गीत गाए और सामूहिक रूप से सूर्य देवता की आराधना की। छठ पूजा के अवसर पर विशेष रूप से महिलाओं ने कठिन व्रत रखते हुए पूरे दिन और रात सूर्य देवता की उपासना की।
श्रीमती कौशल्या साय ने सभी श्रद्धालुओं को इस पवित्र पर्व की शुभकामनाएं दी और कहा कि छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह हमें पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति से जुड़ने का संदेश भी देता है। उन्होंने अपील की कि वे इस पर्व को मिल-जुलकर मनाएं और अपनी समृद्धि के लिए सूर्य देवता से आशीर्वाद प्राप्त करें।इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।