*Kota-Updete:-रेतघाट के नाम पर अरपा नदी हुई छलनी-छलनी 500-रूपए की रॉयल्टी के साथ 300- की अवैध-वसूली..? खनिज-विभाग की खामोशी कहे या मौन स्वीकृति।
*पुलिसिया-कार्यवाही में अवैध रेत-परिवहन करने वाले ट्रैक्टरों की कोटा थाने में लंबी कतार के बाद भी जारी है…रेतो का अवैध परिवहन।
*दिसंबर 2024 अंतिम में माइनिंग-विभाग ने कार्यवाही कर करोड़ों का जुर्माना कर लूटी थी वाहवाही नए सत्र में कार्यवाही जीरो बटा सन्नाटा।
*कैमरे पर हाईवा ट्रेक्टर चालकों का रॉयल्टी पर्ची पर कबूलनामा के बाद भी जिला खनिज शाखा ग्राउंड जीरो से गायब एसी की ठंडी हवाओं में कुर्सी तोड़ रहे।
*दिनांक:-17/03/2025*
*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।
*करगीरोड-कोटा:-हरित छत्तीसगढ़ लगातार:– रेतो के अवैध-परिवहन पर जिला-व-पुलिस प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद भी रेतो के अवैध परिवहन पर लगाम लगती दिखाई नहीं दे रही है..बिना रॉयल्टी पर्ची के रेतो का अवैध रूप से परिवहन जारी है..होली के त्योहार के बाद ट्रैक्टरों का रेतघाट पहुंचना जारी है रविवार 16 मार्च को “हरितछत्तीसगढ” रतखंडी-करहीकछार रेतघाट के ग्राउंड जीरो पर पहुंचा रतखंडी घाट का रास्ता पूरी तरह से बंद दिखाई दिया..वही करहीकछार रेतघाट पर दर्जनों ट्रेक्टर रेत लोडिंग करते हुए रेत परिवहन करते हुए दिखाई दिए..मौके पर ही ट्रेक्टर चालकों ने बताया कि बिना रॉयल्टी-पर्ची 300 रुपए प्रति ट्रेक्टर पर ट्रिप लूज में और रॉयल्टी पर्ची के साथ 500 रुपए में कुल 800 रुपए..रेतघाट के बाहर बैठे रेत ठेकेदार के लोगों को नगद देते है..वही आसपास के ट्रैक्टरों चालकों ने रॉयल्टी नहीं लेने की बात कही पर 300 रुपए प्रति ट्रेक्टर पर ट्रिप देने की बात कैमरे के सामने स्वीकार किया।
रेतघाट पर एक हाईवा और पोकलेन-मशीन क्या कर रहा:–
*रेतघाट के बाहर जहां पर रेत ठेकेदार के कर्मचारी बैठकर ट्रेक्टर चालकों से रॉयल्टी पर्ची के नाम सहित अतिरिक्त राशि की वसूली करते दिखाई देते है..उसी जगह पर एक हाईवा के साथ एक पोकलेन मशीन भी खड़ी दिखाई दी रेतघाट के अंदर की मौजूदा स्थिति देखकर तो बिल्कुल नहीं लगता कि रेतघाट में मैनुअल तरीके से खुदाई होती होगी..दिन में तो ट्रेक्टर के चालक सहित मजदूर मैनुअल तरीके से रेत भरते हुए दिखाई दिए खनिज विभाग की माने तो शाम 06 बजे के बाद रेतघाट से रेत की खुदाई व परिवहन दोनों अवैध कहलाता है..? तो क्या रात में असली खेल होता है..?पोकलेन मशीन का रेतघाट में मौजूदगी तो यही इशारा करता है..? इससे पूर्व वन विभाग के एक प्रशिक्षु- आईएफएस-अधिकारी के द्वारा फॉरेस्ट-इलाके में अवैध रूप से रेत उत्खनन कर रहे पोकलेन मशीन सहित हाईवा ट्रैक्टरों पर राजसात की कार्यवाही कर चुके हैं..?मामला अभी भी न्यायालय में लंबित हैं।
करहीकछार में मीडिया सहित अधिकारी वर्ग आते जाते है..सोढाखुर्द छतोंना रेतघाट क्यों नहीं जाते:–
*रेतो के अवैध परिवहन को लेकर पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारी कोटा विकासखंड में तो लगातार कार्यवाही कर रहे है…पर सवाल ये लगातार उठता है,की जिला कलेक्टर ने जिस जिला खनिज-विभाग व उसके व मातहतों को इस कामों को जिम्मेदारी दी है..वो क्या कर रहे है..? महीना पूरे होने के इंतजार में रहते हैं..? शासन द्वारा वेतन के अलावा रेतघाट चलाने वाले ठेकेदारों के होली दिवाली की काजू कतली के साथ गांधी जी से भरे एक बड़े लिफाफे के बाद आराम से एसी कूलर की ठंडी हवाओं के बीच कुर्सी तोड़ते रहते है..? रेतघाट के बाहर रॉयल्टी पर्ची काट रहे लोगो की पीड़ा भी सामने आई मौजूद लोगों ने कहा कि करहीकछार-रेतघाट में मीडिया के लोगो से लेकर बाकी अधिकारी आते जाते है..पर सोढाखुर्द और छतोंना बड़े रेतघाट पर क्यों नहीं जाते…?”हरित छत्तीसगढ़ ने पूछा क्यों नहीं जाते..?तो मौजूद लोगो ने बताया कि उन रेतघाटों को जिले के विधायक मंत्री के लोग चला रहे हैं..इसलिए नहीं जाते..?पर जब हरितछत्तीसगढ़ ने पूछा कि जिले तो बहुत से विधायक हैं..? कौन से विधायक कौन से मंत्री चलवाते है..?तो इस पर खामोशी छा गई जाहिर है..अगर कैमरे पर अगर नाम ले लेते तो मौजूदा रेतघाट से भी हाथ धोना पड़ सकता था।*
*प्रशिक्षु-आईएस आईपीएस की अवैध परिवहन पर ताबड़तोड़ कार्यवाही:—*
*हाइवा-ट्रैक्टरों से अवैध रूप से रेतो का परिवहन करने वालो पर थाना प्रभारी के रूप पदस्थ प्रशिक्षु-आईपीएस अधिकारी सुमित कुमार के द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है रेत से भरी 02-हाईवा सहित एक दर्जन से ऊपर ट्रैक्टरों की कतार कोटा थाने सहित एसडीओपी कार्यालय के सामने लगी हुई है..”हरित छत्तीसगढ़ ने वाहनों के पास खड़े ट्रेक्टर सहित हाईवा चालकों से बात की जिसके बाद पता चला कि रेतघाट में रॉयल्टी पर्ची को लेकर कितना बड़ा खेल खेला जा रहा है..?रेतघाट में रेतो के परिवहन के लिए खनिज-विभाग द्वारा बकायदा रॉयल्टी पर्ची जारी किया जाता है..ताकि रेत परिवहन करने वालों को कोई दिक्कत न हो..पर रेतघाट में रॉयल्टी पर्ची के जरिए ही रेत से सोना निकाला जा रहा है.? हाईवा-ट्रेक्टर चालकों को बिना रॉयल्टी पर्ची के दुगुने तिगुने दामों पर रेत बेचा जा रहा है..?हाईवा वाले को 06 हजार रूपए प्रति-ट्रिप रेत वसूला जा रहा है..? वही ट्रेक्टर चालकों को 300 प्रति ट्रिप वसूली की जा रही है..? रेतघाट चलाने वाले ठेकेदारों द्वारा रॉयल्टी नहीं दिए जाने के बाद परिवहन कर्ता एक से दो बार बच जाता है..? पर जब कार्यवाही होती है, तो परिवहन अवैध कहलाता है..? रेत परिवहन करने वाले लोग वैधानिक रूप से रेत का परिवहन करना चाहते है..पर इसमें कही न कही रेतघाट चलाने वाले ठेकेदारों व विभागीय अधिकारियों की मिली-भगत से परिवहन कर्ताओं को आर्थिक नुकसान उठाने के साथ साथ राज्य सरकार के खजाने को भी लाखों करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही है..?*
*क्रमशः—*