Chhattisgarh

DA की लड़ाई एक मंच और एक तिथि पर हो तथा पुरानी सेवा गणना जैसे मुद्दों पर मिलेगा साथ, तभी शिक्षक LB संवर्ग होगा आंदोलन में शामिल – शिक्षक संघर्ष मोर्चा

DA की लड़ाई एक मंच और एक तिथि पर हो तथा पुरानी सेवा गणना जैसे मुद्दों पर मिलेगा साथ, तभी शिक्षक LB संवर्ग होगा आंदोलन में शामिल – शिक्षक संघर्ष मोर्चा

शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने किया अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन व संयुक्त मोर्चा से अपील : अलग-अलग आंदोलन है ऊर्जा का विखंडन, एकजुट रहने से ही मिलती है सफलता- वीरेंद्र दुबे

 

 

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, मनीष मिश्रा,विकास राजपूत ने एक खुला पत्र जारी कर अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा तथा कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक अनिल शुक्ला से अपील किया है कि मंहगाई भत्ते व अन्य मांगों के संदर्भ में किये जा रहे 9, 11 व 27 सितंबर के आंदोलन की अलग अलग तिथि को न करके, सभी को एक मंच, एक बैनर के तले एक ही तिथि में करनी चाहिए, क्योंकि एकजुटता से ही सफलता की प्राप्ति होती है। 

शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय बैठक में सभी प्रान्त संचालको द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि शिक्षक LB संवर्ग प्रदेश का सबसे बड़ा कर्मचारी समूह है,जिनका संविलियन तिथि से पुरानी पेंशन व समस्त हित लाभ की गणना करने से सर्वाधिक नुकसान हो रहा है, जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को इसका लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से मिल रहा है।इसलिए शिक्षक LB संवर्ग के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन व समस्त हित लाभ की प्राप्ति प्रमुख मांग है, जिसमें अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन व कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा को प्रत्यक्ष सहयोग व साथ देना चाहिए। प्रदेश के शिक्षक LB संवर्ग का साथ अब तभी मिल पायेगा जब उपरोक्त दोनो समूह एक बैनर तले एक तिथि पर आंदोलन की घोषणा करेगा और अपने मांग पत्र में शिक्षक LB संवर्ग के प्रमुख मांग को सम्मलित करेगा।

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा,कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी तथा प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षक LB संवर्ग प्रदेश का सबसे पीड़ित संवर्ग है जिसे अपने प्रादुर्भाव से ही बहुत से नुकसान उठाने पड़ रहे हैं। हजारो आंदोलन और वर्षो संघर्ष के फलस्वरूप संविलियन प्राप्त हुआ,परंतु हमारी वर्षो की सेवा के लाभ से वंचित किया जा रहा है,जो कि उचित नही है। हमारी संख्याबल का उपयोग तो अन्य समूहों द्वारा किया जाता है पर हमारी मांगों पर उनका प्रत्यक्ष साथ नही मिल पाता,अतः हमारा साथ उन्ही को मिलना चाहिए जो हमारी मांगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।neeraj,harit,

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